जौनपुर – जिला कृषि रक्षा अधिकारी विवेक कुमार ने किसान भाइयो को अवगत कराया है कि बीज जनित रोगों से आगामी बोई जाने वाली फसल के बचाव हेतु बीज शोधन का अत्यधिक महत्व है उपचार से बचाव बेहतर है की अवधारणा का पालन कर “बीज शोधन द्वारा फसल की रोगों से सुरक्षा कर अधिक पैदावार ली जा सकती है जिससे कृषको की आर्थिक स्थिति सुदृढ़ होगी, जनपद में 16 अक्टूबर 2023 से 15 नवम्बर 2023 तक बीज शोधन अभियान चलाया जा रहा है, किसान भाई निम्न विवरण के अनुसार बीज शोधन अवश्य करे :-
गेहूॅ/जौ में बीज जनित रोगों के लिये थीरम 3 ग्राम या कार्बेण्डाजिम 2 ग्राम या ट्राइकोडरमा 5 ग्राम प्रति कि0ग्रा0 बीज। चना/मटर में बीज जनित रोगों के लिये थीरम 3 ग्राम या कार्बेण्डाजिम 2 ग्राम प्रति कि0ग्रा0 बीज। चना/मटर उकठा रोगों के लिये ट्राइकोडरमा 5 ग्राम प्रति कि0ग्रा0 बीज। राई/सरसों बीज जनित रोगों के लिये थीरम 3 ग्राम या कार्बेण्डाजिम 2 ग्राम या ट्राइकोडरमा 5 ग्राम प्रति कि0ग्रा0 बीज। मसूर/अलसी में बीज जनित रोगों के लिये कार्बेण्डाजिम 2 ग्राम या ट्राइकोडरमा 5 ग्राम प्रति कि0ग्रा0 बीज। आलू में बीज जनित रोगों के लिये कार्बेण्डाजिम 2 ग्राम या ट्राइकोडरमा 5 ग्राम प्रति कि0ग्रा0 बीज। गन्ना में बीज जनित रोगों/दीमक के लिये कार्बेण्डाजिम 3 ग्राम तथा क्लोरपाइरीफॉस 20 प्रतिशत 4 मि0ली0 प्रति कि0ग्रा0 बीज सभी फसल भूमिशोधन कार्य (दीमक, कटवर्म तथा अन्य भूमिजनित रोग) ब्यूवेरिया बैसियाना 1 प्रतिशत 2.5 कि0ग्रा0 अथवा क्लोरपाइरीफॉस 20 प्रतिशत 3 लीटर अथवा मेटाराइजियम एनीसोप्ली 1.15 प्रतिशत 2.5 कि0ग्रा0 अथवा कार्बोफ्यूरान 3 जी अथवा फिप्रोनिल 0.3 प्रतिशत 20 कि0ग्रा0 प्रति हेक्टेयर।
उक्त की अधिक जानकारी हेतु अपने निकटतम कृशि रक्षा इकाई के प्रभारी, किसान सहायक, ए0डी0ओ0 (एजी0) या जनपद मुख्यालय पर जिला कृषि रक्षा अधिकारी से सम्पर्क करें।