पाँच दिवसीय स्काउट और गाइड प्रशिक्षण शिविर हुआ समापन

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उच्च प्राथमिक कन्या विद्यालय मनिहारी ,क्षेत्र- गाजीपुर/जनपद के मनिहारी ब्लाक अंतर्गत गाजीपुर में पाँच दिवसीय स्काउट और गाइड प्रशिक्षण शिविर का समापन खंड शिक्षा अधिकारी मनिहारी, के द्वारा पुरस्कार वितरण, स्काउट ध्वज अवतरण एवं राष्ट्रगान के उपरांत हुआ । शिविर में प्रतिभागी छात्र-छात्राओं ने आपदा प्रबन्धन, यातायात के नियम ,आग जलाना एवं उसे बुझाना, बेसिक इलेक्ट्रिकल वर्क, मोबाइल बैंकिंग का उपयोग, सेल्फ डिफेंस , ड्रग्स एवं एड्स अवेयरनेस, संकेत वार्ता, शिविर नियोजन तथा बिना बर्तन के खुले स्थान पर भोजन निर्माण, मैपिंग, प्राथमिक सहायता जिसमें बिजली का झटका, पानी में डूबते व्यक्ति को बचाना, वाहन दुर्घटना,आग में फंसे लोगों को बचाना , त्वरित स्ट्रेचर का निर्माण,रोगी को सेफर्स विधि एवं सिल्वेस्टर विधि से कृतिम श्वास देना , तिकोनी तथा गोल पट्टी को शरीर के विभिन्न भागों पर ड्रेसिंग करना, झोली निर्माण एवं उनका उपयोग तथा दूरी,ऊंचाई, वजन,एवं किसी स्थान पर उपस्थित संख्या या जन समुदाय का अनुमान लगाना, खोज के चिन्ह, सिटी के संकेत, टोली निर्माण एवं कार्य विभाजन, स्वयं की देखभाल हेतु बी पी सिक्स व्यायाम, योगासन, पायनियरिंग हेतु गांठ, फाँस, बंधन आदि कौशलों का प्रशिक्षण जिला स्काउट मास्टर श्री श्रीकांत सिंह व ब्लॉक स्काउट मास्टर डॉ. सन्तोष कुशवाहा और स्काउट रामलखन यादव , मनोज प्रजापति एवं कब मास्टर गोविन्द कुमार चौहान द्वारा प्रदान किया गया । शिविर में छात्र-छात्राओं द्वारा अस्थाई- टेन्ट , जीवनपयोगी बिभिन्य प्रकार के गैजेट, पायनियरिंग प्रोजेक्ट, झूला, तथा कमान्डो ब्रिज, मंकी ब्रिज, एवं ट्रांसपोर्ट ब्रिज का निरीक्षण खंड शिक्षा अधिकारी मनिहारी द्वारा किया गया । शिविर को संबोधित करते हुए खंड शिक्षा अधिकारी ने कहा की “स्काउटिंग और गाइडिंग जीवन जीने की एक कला है ।” स्काउटिंग द्वारा बच्चों में शारिरीक, बौद्धिक सामाजिक, संवेगात्मक तथा आध्यात्मिक गुणों का विकास किया जाता है । स्काउटर डॉ. सन्तोष कुशवाहा द्वारा कहा गया कि प्रत्येक व्यक्ति का जीवन न्यूटन के दिए गए गति के तीन नियमों का अनुसरण अवश्य करता हैं, जीवन में कड़ी से कड़ी मेहनत करनी चाहिए जिससे सफल जीवन जीया जा सकें । स्काउट शिक्षक छात्र/छात्रओं में अंतर्निहित गुणों को निखारकर एक योग्य नागरिक बनाते हैं , स्काउटिंग का उद्देश्य ही है कि,विभिन्न खेलो एवं गतिविधियों के माध्यम से बालकों में स्वास्थ्य और शक्ति के साथ-साथ, चारित्रिक विकास करना, खेल आकर्षक तथा प्रतिस्पर्धात्मक बनाने चाहिए और इन के माध्यम से हम बालकों में वीरता ,नियमों का अनुसरण, ,आत्म नियंत्रण, उत्सुकता, नेतृत्व तथा , समूह में खेल भावना आदि का विकास कर सकते है । अभिभावकों को भी बच्चों को दल में खेल खेलने तथा कार्य करने का अवसर तथा चारित्रिक निर्माण जैसे कार्यक्रम का हिस्सा अवश्य बनाना चाहिए , जो सामान्यता बाहर खेले जाने वाले आउटडोर गेम्स हो सकते हैं। स्काउट मास्टर रामलखन यादव ने कहा कि गतिविधि एवं कौशल विकास आधारित शिक्षा व्यक्ति के जीवन में महती योगदान प्रदान करती है और बाल जीवन को संगठित करती है । जिला स्काउट मास्टर ने कहा कि यह ध्यान देने योग्य है की स्काउटिंग की स्थापना किसी शिक्षाविद द्वारा नहीं बल्कि एक सैनिक द्वारा की गई। आज जिस बात की आवश्यकता है वह है बाहरी जीवन का आनंद प्रदान करने की योग्यता, छात्र-छात्राओं की आकांक्षाओं को ज्ञात कर सकना और उन व्यक्तियों को ढूंढ निकालने की क्षमता जो कि उन्हें आवश्यक दिशा में प्रशिक्षण दे सके, चाहे वह प्रकृति के अध्ययन हो, पायनियरिंग,प्रौद्योगिकी विज्ञान, साहित्य, कला,अर्थशास्त्र कोई भी विषय हो, प्रत्येक बालक में निहित प्रतिभा को जानकर शिक्षक को उसकी रूचि के अनुरूप प्रशिक्षण देना चाहिए । शिक्षक को प्रत्येक बालक में निहित प्रतिभा को जानकर उसकी रुचि एवं प्रतिभा के अनुरूप उसकी अच्छाई को पकड़ लेना और बुराई की परवाह न करते हुए अच्छाई का विकास कर देना है। मेरा मानना है कि अत्यंत बुरे चरित्र में भी पाँच प्रतिशत अच्छाई होती है। युवा मन के प्रशिक्षण की यही सही दिशा और यही सही शिक्षा है। शिविर के समापन में विद्यालय प्रधानाध्यापक श्री अरविन्द राय, अभिभावक लल्लन विश्वकर्मा, रमेश राजभर, ओमप्रकाश सुरेश राम आदि लोग उपस्थित रहे ।

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