समाचार पत्रों की विश्वसनीयता आज भी कायम: शैलेन्द्र कुमार

0
8

 

जौनपुर – यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के क्षेत्र प्रमुख शैलेन्द्र कुमार ने कहा कि पत्रकार समाज का आईना होता है। बगैर इनके अच्छे समाज की कल्पना नहीं की जा सकती। पत्रकारिता में बदलाव जरूर आया है लेकिन उसकी विश्वसनीयता आज भी कायम है और आगे भी रहेगी।

मंगलवार को कलेेक्ट्रेट स्थित पत्रकार भवन में आयोजित हिन्दी दैनिक तरुणमित्र समाचार पत्र के 47वें स्थापना दिवस को बतौर मुख्य अतिथि सम्बोधित करते हुए उन्होंने आगे कहा कि जिले में यूबीआई बैंकों की जितनी भी शाखाएं हैं उनसे तरुणमित्र का गहरा लगाव है। बैंक की उलब्धियों एवं ग्राहकों से संबंधित जानकारियों को यह समाचार पत्र प्रमुखता से प्रकाशित करता चला आ रहा है। ऐसे में बैंक की तरफ से तरुणमित्र को जो भी सहयोग सदैव से मिलता आ रहा है वह आगे भी बना रहेगा। विशिष्ट अतिथि वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय दंतोपंत ठेंगड़ी विधि संस्थान के निदेशक प्रोफेसर डॉ0 देवराज सिंह ने कहा कि समाचार पत्रों में खुद की लेखनी ही पाठकों का विश्वास जितती है। ऐसे में खबरों के तह तक जाए तभी पत्रकारिता कायम रहेगी।

पत्रकारिता एवं जनसचार विभाग के विभागाध्यक्ष डा0 मनोज मिश्र ने कहा कि तरुणमित्र समाचार पत्र एक संकल्प साधना है। यह एक ऐसा समाचार पत्र है जो लोगों की भावना एवं श्रद्धा से जुड़ा है। वर्तमान समय में हिन्दी पत्रकारिता मौन धारण करती जा रही है जो चिंता का विषय है। शिराजे-हिन्द की धरती जौनपुर में एक पन्ने से शुरू होकर पांच राज्यों में आठ संस्करण में चल रहा तरुणमित्र संस्थापक कैलाश नाथ के संकल्पों का नतीजा है। उन्होंने कुछ पंक्तियों के माध्यम से समाचार पत्र को ऊंचाई प्रदान किया।

अध्यक्षता कर रहे महामना मदन मोहन मालवीय पत्रकारिता शोध संस्थान काशी विद्यापीठ वाराणसी के पूर्व निदेशक एवं प्रोफेसर डा0 ओम प्रकाश सिंह ने कहा कि तरुणमित्र के संस्थापक कैलाश नाथ ने कभी समाचारों के साथ समझौता नहीं किया। अपने कड़े संघर्षों की बदौलत जिस अखबार की नींव रखी उसकी सुंगध आज भारत के पांच राज्यों में फैल रही है। ऐसे महान आत्मा वाले कर्मयोगी का हम सभी ऋणी हैं। उन्होंने कैलाश नाथ को याद करते हुए कहा कि उनके दौर में पत्रकारिता की पढा़ई नहीं होती थी। इसके बावजूद उनके अखबार में कभी अशुद्धिया नहीं मिली। उन्होंने जो कुछ भी सीखा समाज से सीखा। किसी भी कार्यक्रम में उनका वक्तव्य अच्छे वक्ता से कम नहीं होता था। आशावादियों के लिए आसमान दूर नहीं है जबकि निराशावादियों के लिए सब कुछ दूर है। सान्ध्य कालीन से शुरू हुआ तरुणमित्र अखबार आज प्रात:कालीन होकर पाठकों के दिलों में समाया हुआ है। उन्होंने सोशल मीडिया का जिक्र करते हुए कहा कि आज भी वह विश्वसनीयता के दायरे में नहीं है लेकिन समाचार पत्रों से जनता का मनो विज्ञान जुड़ा है। आने वाले दिनों में समाचार पत्रों की स्थितियां बदलेगी। लोकतंत्र तभी बचेगा जब निश्पक्ष पत्रकारिता होगी। इस देश को बचाने का काम तरुणमित्र जैसे मझोले अखबारों ने किया है। कैलाश नाथ की आज तीसरी पीढ़ी भी पत्रकारिता में सक्रिय है।

पूर्व विधायक सुरेन्द्र प्रताप सिंह ने कहा कि आज के बदलते परिवेश में सोशल मीडिया प्रिन्ट मीडिया को मात दे रही है लेकिन किसी भी घटना की सत्यता समाचार पत्रों से ही होती है। आने वाला समय भी प्रिन्ट मीडिया का ही होगा। इसके अलावा समारोह को वरिष्ठ पत्रकार विजय प्रकाश मिश्र, वाराणसी के ब्यूरो चीफ डा0 जावेद अहमद, वरिष्ठ अधिवक्ता कामरेड जय प्रकाश सिंह, जाने-माने कवि एवं पत्रकार डा0 कुॅवर जयवंत सिंह, समाजसेवी डा0 विमला सिंह, डा0 राम सिंगार शुक्ल गदेला, सभाजीत द्विवेदी प्रखर, पत्रकार संघ के महामंत्री डा0 मधुकर तिवारी आदि ने भी सम्बोधित किया।

तत्पश्चात समाचार पत्र के संपादक आदर्श कुमार ने समाचार पत्र का जन्म से आज तक की विस्तार से रूपरेखा प्रस्तुत किया। कार्यक्रम का शुभांरभ अतिथियों द्वारा सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया। सरस्वती वंदना पूर्वांचल के प्रख्यात देवीगीत एवं भजन गायक राहुल पाठक ने प्रस्तुत किया। समारोह में डा0 बृजेश यदुवंशी द्वारा संपादक कैलाश नाथ पर लिखी पुस्तक का विमोचन भी किया गया। आए हुए लोगों के प्रति समाचार पत्र के महा प्रबंधक उज्ज्वल कुमार ने आभार प्रकट किया।

In

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें

fifteen + 19 =