आज़मगढ़/रानी की सराय। अनुदेशक शिक्षक संघ आज़मगढ़ के जिलाध्यक्ष गणेश के नेतृत्व में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री को समर कैंप में होने वाली समस्याओं से संबंधित ज्ञापन दिया गया। गणेश यादव ने कहा कि प्रदेश सरकार व विभाग द्वारा सिर्फ अनुदेशक शिक्षको के साथ लगातार अन्याय किया जा रहा है। ब्लॉक अध्यक्ष रानी की सराय अमरजीत यादव ने कहा कि इस प्रचंड गर्मी में बिना किसी व्यवस्था व तैयारी के जो हिटलरशाही के दम पर अनुदेशक व शिक्षामित्र शिक्षकों को जबरदस्ती ड्यूटी की जिम्मेदारी दी जा रही है। उसमें अगर किसी बच्चे के साथ कोई अप्रिय घटना घटित होती है तो इसकी जिम्मेदारी प्रदेश सरकार व विभाग की होगी। इसी क्रम में किसी अनुदेशक या शिक्षा मित्र को कोई समस्या होती है तो उस परिवार को एक करोड़ का मुआवजा व परिवार में एक सदस्य को विभाग में नौकरी की व्यवस्था की जाए। इस अवसर पर लालचंद यादव मिथिलेश यादव शादाब पंकज सपना अंजू सुरेश कुसुम अप्सरा निशा शिवानी शादाब आदि सैकड़ों की संख्या में अनुदेशक शिक्षक उपस्थित रहे। बेसिक शिक्षा विभाग उत्तर प्रदेश के परिषदीय प्राथमिक और उच्च प्राथमिक/ कंपोजिट विद्यालयों में 20 मई से 15 जून तक ग्रीष्मावकाश प्रारंभ हो रहा I माह अप्रैल से ही संपूर्ण उत्तर प्रदेश मे भीषण गर्मी,लू, और हीट वेब चल रही जिसके कारण बच्चे सहित आम जनमानस जहां अचानक तेज बुखार उल्टी दस्त कभी कभी जान लेवा हो रही है। वहीँ इस मौसम की गंभीरता को देखते हुए परिषदीय विद्यालयों में अप्रैल माह से शिक्षण कार्य मे परिवर्तन करते हुए सुबह 7:30 बजे- दोपहर 12 बजे किया गया है I जबकि मौसम विभाग के आंकड़े अनुमान कर रहे है कि माह मई के अंतिम सप्ताह और जून मे तापमान 45 डिग्री से 50 डिग्री तक रहने की संभावना है। जिसमे बच्चों को घर से बाहर न निकलने की सख्त चेतावनी दी जा रही है। ऐसे मे बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा नौनिहाल बच्चों को 21 मई से 15 जून तक समर कैंप के नाम से विद्यालय मे बुलाना बच्चों के जीवन से खिलवाड करना है। दोपहर 10 बजे घर वापसी के समय भीषण लू लगने से किसी अप्रिय घटना घटित होने के पूर्ण उम्मीद है। ऐसे मे समर कैंप मे विद्यालय का संचालन अनुदेशक से संचालित करवाना बिल्कुल ही वाजिब नही है। किसी अप्रिय घटना घटित होने पर संपूर्ण जिम्मेदारी अनुदेशक को ही दी जायेगी। जबकि अनुदेशक का कार्यकाल प्रतिवर्ष 31 मई को संविदा अवधि समाप्त हो जाती है, नवीन संविदा अवधि का अनुबंध 16 जून से प्रारंभ होता है। इस प्रकार अनुदेशक उक्त समर कैंप अवाधि मे अनुदेशक कार्मिक नही होता बावजूद इसके बच्चो के जीवन से खिलवाड करना शासन के इस आदेश का कोई औचित्य नही है।
आगे उन्होंने मांग की कि समर कैंप के आदेश को तत्काल प्रभाव से स्थगित किया जाय I फिर भी सरकार की मंशा इस दिशा मे स्पष्ट न हो तो संगठन निम्न माँग करता है
*1-* समर कैंप समयावधि मे परिसर अथवा बाहर घटित होने वाली छात्र/विद्यालय मे किसी अप्रिय घटना की जिम्मेदारी अनुदेशक नही लेगा
*2-* समर कैंप मे अनुदेशक की ड्यूटी अनिवार्य रूप से न लगायी जाय बल्कि स्वैक्षिक हो।
*3-* समर कैंप मे दिये जाने वाले मानदेय 6000 से बढ़ाया जाय।
*4-* समर कैंप दौरान अगर किसी अनुदेशक के साथ किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना ( दुर्घटना, मौत) होने पर परिवार को राहत सहयोग दिया जाय तथा परिवार के किसी एक सदस्य को विभाग मे नियुक्त किया जाय।
*5-* समर कैंप अवधि मे की गयी ड्यूटी के प्रतिरूप मे संविदा अवधी का प्रतिकर या आकस्मिक अवकाश संविदा अवधी मे दिया जाय ।
*6-* अनुदेशको को नियमित वेतन भुगतान होने तक 11 माह 29 दिन का मानदेय, प्रतिवर्ष मानदेय मे 25℅ वृद्धि, शिक्षकों को मिलने वाले समस्त अवकाश ( आकस्मिक अवकाश चिकित्सा अवकाश, CCL अवकाश,प्रतिकार अवकाश, बाल्य देखभाल अवकाश) तथा मृतक उपरांत परिवार की देखभाल हेतु आश्रित को उपयुक्त सहायता की जाय। अंत में उन्होंने अनुरोध किया कि उपरोक्त पर सहानुभूति पूर्वक विचार किया जाय।
*संजय कुमार तहसील ब्यूरो निजामाबाद की रिपोर्ट*
समर कैंप के समय होने वाली समस्याओं के संबंध में अनुदेशक संघ ने दिया बेसिक शिक्षा अधिकारी को ज्ञापन
In