एक देश एक चुनाव को लेकर संसद में हंगामे और नारेबाज़ी के साथ क्या कुछ हुआ,पढ़िए पूरी जानकारी 

0
193

वन नेशन वन इलेक्शन बिल संसद में पेश कर दिया गया है।साथ ही इसे लोकसभा में स्वीकार भी कर लिया गया है बिल के समर्थन में 269 वोट पड़े,वही बिल के विरोध में 198 वोट डाले गए  अब इस बिल को jpc यानि संयुक्त संसदीय समिति में भेजा जाएगा मंगलवार  को ही क़ानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने सदन में बिल को पेश किया।ख़ास बात है की संसद में पहली बार इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग के ज़रिए डिविज़न हुआ

देश में लोकसभा और विधान सभा चुनाव एक साथ कराने के प्रावधान वाले ‘संविधान (129वां  संशोधन विधेयक 2024, और उससे जुड़े संघ राज्य क्षेत्र विधि संशोधन विधेयक 2024’ को पुर:स्थापित करने के लिए संसद के निचले सदन में रखा।

कहां फंस सकता है मामला?

एक देश-एक चुनाव का संविधान संशोधन बिल पास कराना सरकार के लिए आसान नहीं होगा. चूंकि ये बिल संविधान संशोधन करेगा  संसद में एनडीए के पास दो तिहाई बहुमत नहीं है. लोकसभा में अगर सभी 543 सांसद वोटिंग में शामिल होंगे, तो बिल पास कराने के लिए 362 वोट चाहिए होंगे. इसी तरह राज्यसभा में इस बिल को पास कराने के लिए 164 वोट की जरूरत होग अभी लोकसभा में एनडीए के पास 292 सीटें हैं. जबकि, राज्यसभा में 112 सीटें हैं. 6 मनोनीत सांसद भी एनडीए के साथ हैं.

वहीं, इस बिल का विरोध करने वाली पार्टियों के पास लोकसभा में 205 और राज्यसभा में 85 सीटें हैं. कुल मिलाकर सरकार को इस बिल को पास कराने के लिए विपक्ष की जरूरत होगी.

क्या संशोधन करना होगा?

समिति ने सुझाव दिया था कि इसके लिए संविधान में अनुच्छेद 82A जोड़ा जाए. अनुच्छेद 82A अगर जुड़ता है तो लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ हो सकते हैं. अगर संविधान में अनुच्छेद 82A जोड़ता है और इसे लागू किया जाता है तो सभी राज्यों की विधानसभाओं का कार्यकाल लोकसभा के कार्यकाल के साथ ही खत्म हो जाएगा. यानी, अगर अगर ये अनुच्छेद 2029 से पहले लागू हो जाता है तो सभी विधानसभाओं का कार्यकाल 2029 तक होग

 

In

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें

19 − 3 =