डॉ. कौस्तुभ होंगे जौनपुर पुलिस अधीक्षक

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डॉ. अजय पाल शर्मा को बनाया गया प्रभारी अतिरिक्त पुलिस आयुक्त, कमिश्नरेट , प्रयागराज

           डॉ. कौस्तुभ (आई.पी.एस.) 

 

जौनपुर – पुलिस अधीक्षक डॉ. अजय पाल शर्मा का तबादला हो गया है। उन्हें अब प्रभारी अतिरिक्त पुलिस आयुक्त, कमिश्नरेट प्रयागराज बनाया गया है। उनकी जगह अंबेडकर नगर के एसपी डॉ. कौस्तुभ को जौनपुर का नया पुलिस अधीक्षक नियुक्त किया गया है।

 

डॉ. कौस्तुभ 2015 बैच के भारतीय पुलिस सेवा (IPS) अधिकारी हैं, जिनका जन्म 31 अगस्त 1987 को पटना, बिहार में हुआ था। उन्होंने एमबीबीएस की डिग्री प्राप्त की है और नेत्र सर्जन के रूप में प्रशिक्षित हैं।

अपने करियर के दौरान, डॉ. कौस्तुभ ने विभिन्न पदों पर कार्य किया है:

पुलिस अधीक्षक (एसपी), महाराजगंज : इस पद पर रहते हुए उन्होंने जिले में कानून व्यवस्था को सुदृढ़ करने मेंडॉ. कौस्तुभ 2015 बैच के भारतीय पुलिस सेवा (IPS) अधिकारी हैं, जिनका जन्म 31 अगस्त 1987 को पटना, बिहार में हुआ था। उन्होंने एमबीबीएस की डिग्री प्राप्त की है और नेत्र सर्जन के रूप में प्रशिक्षित हैं।

अपने करियर के दौरान, डॉ. कौस्तुभ ने विभिन्न पदों पर कार्य किया है:

पुलिस अधीक्षक (एसपी), महाराजगंज: इस पद पर रहते हुए उन्होंने जिले में कानून व्यवस्था को सुदृढ़ करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

 

अपने कार्यकाल के दौरान, डॉ. कौस्तुभ ने पुलिस बल में अनुशासन और पारदर्शिता बढ़ाने के लिए कई कदम उठाए हैं। उदाहरण के लिए, अंबेडकर नगर में उन्होंने 47 सिपाहियों को लाइन हाजिर किया, जो विभिन्न थानों में लंबे समय से तैनात थे और जिनकी शिकायतें मिल रही थीं।

उनकी शैक्षणिक पृष्ठभूमि और प्रशासनिक कौशल ने उन्हें एक कुशल और प्रभावी पुलिस अधिकारी के रूप में स्थापित किया है, जो कानून व्यवस्था बनाए रखने और समाज में शांति स्थापित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

पुलिस अधीक्षक (एसपी), अंबेडकर नगर9 दिसंबर u को उन्होंने जिले के 47वें एसपी के रूप में कार्यभार संभाला। इस दौरान उन्होंने अपराध नियंत्रण, यातायात व्यवस्था में सुधार, और आगामी लोकसभा चुनावों की तैयारी पर विशेष ध्यान दिया।

पुलिस अधीक्षक (एसपी), जौनपुर: 22दिसंबर 2024 में उन्हें अंबेडकर नगर से स्थानांतरित कर जौनपुर का एसपी नियुक्त किया गया।

अपने कार्यकाल के दौरान, डॉ. कौस्तुभ ने पुलिस बल में अनुशासन और पारदर्शिता बढ़ाने के लिए कई कदम उठाए हैं। उदाहरण के लिए, अंबेडकर नगर में उन्होंने 47 सिपाहियों को लाइन हाजिर किया , जो विभिन्न थानों में लंबे समय से तैनात थे और जिनकी शिकायतें मिल रही थीं।

उनकी शैक्षणिक पृष्ठभूमि और प्रशासनिक कौशल ने उन्हें एक कुशल और प्रभावी पुलिस अधिकारी के रूप में स्थापित किया है, जो कानून व्यवस्था बनाए रखने और समाज में शांति स्थापित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं l

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