बसंत पंचमी के शुभ अवसर पर सरस्वती पूजन एवं वार्षिकोत्सव कार्यक्रम का हुआ आयोजन

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  • भियांव/अंबेडकरनगर

विकासखंड भियांव के मढवरपुर भुजगी में स्थित राम नायक इंटर कॉलेज में बसंत पंचमी के शुभ अवसर पर विधिवत पूजन अर्चन के साथ सांस्कृतिक प्रोग्राम के माध्यम से बसंत पंचमी का त्यौहार मनाया गया सर्वप्रथम सरस्वती एवं भारत माता के पट पर पुष्पा अर्चन एवं धूपर्चन मुख्य अतिथि अवकाश प्राप्त प्रधानाध्यापक जनहित पूर्व माध्यमिक विद्यालय मटीहीं कन्हैया गोस्वामी जी द्वारा किया गया। यह भव्य कार्यक्रम विद्यालय के प्रबन्धक भृगुनाथ गिरि के अध्यक्षता में प्रधानाचार्य अनिल कुमार गौड़ कुशल नेतृत्व में किया गया। बच्चों के लिए सांस्कृतिक कार्यक्रम की तैयारी विद्यालय की शिक्षिकाएं नेहा, सुनीता, रंजना, रागिनी ने किया। ज्ञान की देवी सरस्वती की आराधना की गई । जानकारी के अनुसार ज्ञान की देवी मां सरस्वती की पूजा के लिए समर्पित बसंत पंचमी का पर्व हिंदू कैलेंडर के अनुसार माघ मास शुक्ल पक्ष की पंचमी को मनाया जाता है माना जाता है कि बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती की पूजा करने से विद्यार्थियों को बुद्धि और विद्या का वरदान प्राप्त होता है। बसंत पंचमी के पर्व पर पीले वस्त्र पहने जाते हैं और पीले रंग के फूलों से मां सरस्वती की पूजा करने का विधान है। बसंत पंचमी के दिन से ही सबसे सुहाने मौसम बसंत ऋतु की शुरुआत होती है शास्त्रों के अनुसार बसंत पंचमी से सर्दी कम हो जाती है और गर्मी के आगमन की आहट मिलने लगती है। बसंत पंचमी तिथि को शादी विवाह गृह प्रवेश आदि कार्यों के लिए शुभ माना जाता है इस दिन किसी भी शुभ कार्य को शुरू करने के लिए मुहूर्त देखने का पंडित से पूछने की आवश्यकता नहीं होती। बसंत पंचमी को मां सरस्वती की जयंती के रूप में जाना जाता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार सृष्टि के रचनाकार भगवान ब्रह्मा ने जब संसार को बनाया तो पेड़ पौधों जीव जंतुओं के अलावा सब कुछ दिख रहा था लेकिन उन्हें किसी चीज की कमी महसूस हो रही थी इस कमी को पूरा करने के लिए उन्होंने अपने कमंडल से जल निकाल कर छिड़का तो सुंदर स्त्री के रूप में एक देवी प्रकट हुईं उनके एक हाथ में बीड़ा व दूसरे हाथ में पुस्तक थी तीसरे में माला चौथा हाथ वर मुद्रा में था। मां सरस्वती ने जब बीड़ा बजाया तो संसार की हर चीज में स्वर आ गया इसी से उनका नाम देवी सरस्वती पड़ा यह दिन बसंत पंचमी का था तब से देवलोक व मृत्यु लोक में सरस्वती जी की पूजा होने लगी। इस मनमोहक कार्यक्रम में बच्चों द्वारा गाने के माध्यम से प्रस्तुति की गई। शिवांगी , अंशिका द्वारा प्रस्तुत गाने के माध्यम से पुलवामा में वीर शहीदों को याद किया गया। शिवांगी मौर्या ने हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई, ऋतु आ गई रे ऋतु छा गई रे आदिति गिरि, राम आयेंगे शिवांगी सहित अन्य बच्चों ने विभिन्न कार्य क्रम प्रस्तुत किए। कार्यक्रम में ग्राम प्रधान लखमीपुर रिंकू गौड़, बब्लू यादव गोपरी चांदपुर, मुन्ना शुक्ला दिनकरपुर सहित दर्जनों गांव के ग्राम प्रधान क्षेत्र के सैकड़ों लोग उपस्थित रहे।

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