तेरहवीं से आर्थिक बोझ बढ़ता है, अखिलेश यादव का बड़ा फ़ैसला नहीं होगी पिता जी तेरहवीं

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इटावा/मुलायम सिंह का सोमवार को गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में 82 साल की आयु में निधन हो गया था। उनके पार्थिव शरीर को सोमवार शाम सैफई लाया गया और उनकी कोठी में रखा गया, जहां हजारों लोग ‘नेता जी’ को अंतिम सम्मान देने के लिए पहुंचे। यादव अपने समर्थकों और कार्यकर्ताओं के बीच ‘नेताजी’ के नाम से मशहूर थे।माना जा रहा था कि सनातन परंपरा के अनुसार मुलायम सिंह यादव की भी तेरहवीं होगी। लेकिन रिपोर्ट के मुताबिक मुलायम सिंह यादव की तेरहवीं नहीं होगी। दरअसल, सैफई में तेरहवीं की परंपरा नहीं है। रीति रिवाज के मुताबिक, 11 अक्टूबर से 11वें दिन शुद्धिकरण हवन होगा।सैफई के लोगों का मानना है कि अगर कोई बड़ा आदमी तेरहवीं करता है तो उसे देखकर गरीब आदमी भी तेरहवीं करेगा और उस पर आर्थिक बोझ पड़ेगा। इसी वजह से तेरहवीं नहीं व्यवस्था की गई है। यही वजह है कि सैफई के लोग तेरहवीं नहीं करते हैं। ऐसे में अब मुलायम सिंह यादव की भी तेरहवीं नहीं होगी। और इससे समाज बहुत ग़रीब लोग आर्थिक बोझ से बचेंगे

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