अखंड नगर/बिना पानी धान की फसलों बड़ा असर देखने को मिल रहा है।सूखती फसलें और पानी बिना खेत में पड़ी दरारें किसान की बरबादी की कहानी कह रहे हैं। एक तरफ बिना बरसात के फासले सूख रही हैं वहीं दूसरी तरफ विद्युत कटौती और डीजल की महंगाई के चलते लोगों के खेतों की सिंचाई नहीं हो पा रही है इधर नहर के पानी के लिए भी किल्लत हो रही है क्योंकि नहर का पानी थोड़ा-थोड़ा आ रहा है कहीं आ रहा है ,कहीं नहीं आ रहा है ।जो भी आ रहा है वह भी जो दबंग किस्म के लोग हैं नहर के पानी को बंद लेते हैं नीचे की तरफ पानी पहुंचने ही नहीं पा रहा है ।थोड़ा बहुत जो खेतों के पास पहुंचता है उसके लिए किसान आपस में ही पहले के चक्कर में पहले मेरा हो पहले मेरा हो इसलिए लड़ाई कर ले रहे हैं ।अगर इसी तरीके से हालात रहे तो धान का होना बिल्कुल असंभव है। कोई व्यक्ति इंजन से सिंचाई करके कितनी फ़सल बचा पाएगा। ऐसे में सरकार की जिम्मेदारी बनती है कि किसानो के हित को ध्यान में रखते हुए सुविधाएं जैसे बिजली कटौती और डीजल की महंगाई का उचित मूल्य और प्रबंध करे।जिससे किसानों की बरबादी को रोकने में मददगार साबित हो।
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