सुधार गृह की भूमिका में है अंबेडकरनगर की जेल

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अंबेडकरनगर/जब कभी जिन्दगी में जेल जाने कि नौबत आती है तो जेल का नाम सुनते ही उसके रोंगटे खड़े हो जाते है। हर कोई जेल जैसी जगह पर जानें से डरता है। जेल जाने से बचने के लिए लोग ना जाने कैसे-कैसे जुगाड़ करते हैं। आज हम आपको ऐसी ही जेल के बारे में बताएंगे जो वाकई में कैदियों के लिए स्वर्ग है। यदि सच्चे दिल से कुछ मांगों तो भगवान भी देने को मजबूर हो जाते हैं। एक ऐसा ही उदाहरण जनपद अंबेडकर नगर के कारागार के जेल अधीक्षिका हर्षिता मिश्रा के साथ भी हुआ। जिन्होंने एक जिम्मेदारी के पद पर रहते हुए कारागार में कैदियों को सुधारने का प्रयास का बीड़ा उठा लिया है और जेल अधीक्षिका द्वारा लगातार जेल में बंद कैदियों के प्रति सुधार के लिए अथक प्रयास किए जा रहे हैं ।जेल अधीक्षिका के आने के पश्चात इन दिनों में लगातार हो रहे सुधार को लेकर जनपद के उच्च अधिकारियों की उंगलियों पर गिनी जाती है तथा हर्षिता मिश्रा के धैर्य और प्रतिज्ञा से कई लोगों ने सीख ली और उनको अपना आदर्श माना। हर्षिता मिश्रा ने मीडिया कर्मियों से वार्ता के दौरान कहा जेल में आध्यात्मिक या साधना केंद्र भी बनाए जाने का प्रावधान है ताकि वे मन की शांति व तनाव को दूर करने के लिए ध्यान लगा सकें। जेल सुधार गृह के रूप में बंदियों के आचरण, व्यवहार में परिवर्तन लाकर उन्हें समाज के लिए अच्छा नागरिक बनाने की दिशा में कार्य किया जा रहा है।उन्होंने कहा कि हमें अपराध से घृणा करनी चाहिए न कि अपराधी से। ऐसे में अपराधियों के सुधार के लिए जेल परिसर में बेहतर वातावरण बंदियों को दिया जा रहा है। हर्षिता मिश्रा ने कहा कि कैदियों को प्रताड़ित नहीं करना है, बल्कि उनके व्यक्तित्व विकास पर ध्यान देना चाहिए ताकि वे जेल से बाहर आकर अच्छे नागरिक के रूप में समाज में स्थापित हो सकें। अपराधी को भी सुधार का मौका मिलना चाहिए।उन्होंने कहा कि जेल परिसर में धार्मिक प्रवचनों का समावेश करवाते हुए आपराधिक लोगों के मानसिक विकारों में बदलाव किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि धार्मिक प्रवचनों से ही अपराधी जीवन में बदलाव लाया जा सकता है।उन्होंने बताया कि जेल की कार्यशैली पूरी पारदर्शिता भरी है और सुरक्षात्मक तरीके से हर कदम पर जेल प्रशासन ध्यान दे रहा है। उन्होंने कहा कि हमारे द्वारा जेल प्रशासन सुधार की दिशा में रोड मैप तैयार किया है रोड मैप के द्वारा कार्य किया जा रहा है। जेल अधीक्षिका ने बताया कि जेल सुरक्षा के लिहाज से परिपूर्ण है। किसी भी रूप से सुरक्षा से समझौता नहीं है और अत्याधुनिक तकनीक से जेल को कवर किया गया है। जिला कारागार में प्रवेश करते समय देखा गया जिला जेल अंबेडकरनगर (कारागार) के मुख्य प्रवेश द्वार पर पुलिस का जवान तैनात है। जवान हरेक आने-जाने वाले लोगों पर नजर रखे हुए हैं। मुख्य द्वार से अंदर घुसते ही एक हॉल में लोगों की भीड़ लगी हुई है। जेल परिसर में सीसीटीवी लगे हुए हैं।कैमरों से कैदियों की गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है। अंदर प्रवेश करते ही वहां तैनात जवानों ने संवाददाता का मोबाइल फोन भी बाहर गेट पर ही रखवा लिया।जेल के अंदर उपाधीक्षक द्वारा सीसीटीवी की मदद से जेल परिसर की हरेक गतिविधियों को देख रहे हैं। इस बीच कुछ जवान सरकारी दस्तावेजों पर के पास हस्ताक्षर कराने पहुंचते हैं। उपाधीक्षक उन्हें बेहतर तरीके से काम करने की हिदायतें देते हैं। दूसरी ओर जेल परिसर में बने प्रतीक्षालय कक्ष में विचाराधीन कैदी व सजायाफ्ता कैदियों से मिलने वाले लोगों की भीड़ लगी हुई है। जेल प्रशासन की ओर से नाम के पहले वर्ण के आधार पर कैदियों से मिलने के दिन निर्धारित किए हुए हैं। उपाधीक्षक ने बताया कि जेल की सुरक्षा व्यवस्था काफी कड़ी है। हर किसी को पूरी तरह से सुरक्षा जांच के बाद ही अंदर जाने दिया जाता है। इसमें कोई कोताही नहीं बरती जाती है। जेल अधीक्षक का हर्षिता मिश्रा ने मीडिया से वार्ता के दौरान कहा हमारे द्वारा किया जा रहे प्रयास के द्वारा बंदियों में सुधार लाया जा सके और वे सजा से मुक्त होने के बाद अपने जीवन को अच्छे से जी सकें।जिला कारागार अंबेडकरनगर में जेल अधीक्षिका हर्षिता मिश्रा द्वारा कैदियों को उपलब्ध कराई जा रही सुविधाएं जो अन्य कारागारो में उपलब्ध नहीं है। पूरे उत्तर प्रदेश में महेश जनपद अंबेडकरनगर के कारागार में उपलब्ध है कैशलेस कैंटीन , कैदियों को बात करने के लिए पीसीओ और कैदियों को हुनरमंद बनाने के लिए हर्षिता मिश्रा द्वारा लगातार प्रयास जारी है। और यह प्रयास जिला कारागार अंबेडकरनगर में कैदियों को बदलाव की तरफ ले जा रहा है। त्योहारों में कैदियों द्वारा कार्यक्रम का आयोजन तथा समय-समय पर सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से सुधारने का प्रयास किया जा रहा है। जो कि जिला कारागार अंबेडकरनगर में दिखाई भी पड़ा रहा है जिसका जीता जागता उदाहरण होली के त्यौहार में सभी कैदियों का एक साथ राग द्वेष की भावना से दूर हो कर होली का त्योहार मनाना बताता है। महिला बंदियों के लिए छठ पूजा के लिए पूरी व्यवस्था जेल परिसर में ही मुहैया करवाई थी। महिला दिवस पर पर भी विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया था। कैदियों द्वारा बताया गया हमें वह सभी सुविधाएं उपलब्ध हो रही है जो बाजार में उपलब्ध है यहां पर हम लोगों को यह पता नहीं चलता कि हम घर हैं या जेल में हम लोग जेल के अधिकारियों की जितनी सराहना करें वह कम है

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