आस्था का प्रतीक है गहनागन बाबा मंदिर सर्प दंश से पीडित हजारों लोगोें को मिल चुका है जीवनदान

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अंबेडकरनगर

जलालपुर तहसील मुख्यालय से करीब 10 किलोमीटर पूरब दिशा में स्थित गहनागन बाबा मंदिर लोगों के आस्था और विश्वास का वह केन्द्र है जहां प्रतिवर्ष सैकड़ों सर्पदंश पीडित लोगों को जीवन दान मिलता है । कई वर्षो से श्रावण मास की नागपंचमी को लगने वाला गहनागन मेला आज भी प्रासंगिक बना हुआ है। आस-पास के साथ साथ दूर दूर से भी श्रद्धालु गहनागन बाबा के मंदिर पर घर की सुख शांति के लिए मन्नतें मांगने आते हैं। जानकारी के मुताबिक श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी को नाग देव की पूजा का विधान है जैतपुर थाने से करीब दो किलोमीटर पश्चिम दिशा में गहनागन बाबा का राजेपुर कोपा गांव के पास मन्दिर पर हर शुक्रवार के साथ साथ नाग पंचमी के दिन बड़ी संख्या में यहां श्रद्वालू दर्शन करने आते हैं। दूध लावा के साथ श्रद्धालु मंदिर के पांच बार फेरे के साथ पूजा अर्चन करते हैं। सर्पदंश से पीड़ित लोगों को बड़ा लाभ होता है मंदिर के पुजारी ने बताया कि प्रतिवर्ष सैकड़ों की संख्या में सर्पदंश से पीड़ित लोग यहां से स्वास्थ्य लाभ लेकर जाते हैं अचेत अवस्था में आए हुए लोग भी यहां से खुशी-खुशी अपने घर ठीक होकर जाते हैं । मेले से श्रद्धालु प्रसाद के रूप में सरसों राई अपने घरों पर ले जाते हैं और उसे घर के चारों तरफ छिटक देते हैं ऐसा कहा जाता है कि गहनागन बाबा मन्दिर से मिलने वाली राई सरसों के प्रभाव से छिटकी गयी सरसो के उस क्षेत्र में सांप नहीं निकलते हैं। आज नाग पंचमी पर 24 वर्षों के बाद एक विशेष ज्योतिषी तिथि आई है जिसका विशेष महत्व नाग पूजा करने के लिए लोग बडी़ संख्या में गहनागन बाबा पहुंचे हैं और वही नाग देवता के मंदिर पर दूध और लावा चढ़ाने के साथ सरसों का प्रसाद लेकर अपने घरों को जाते हैं । पुलिस प्रशासन द्वारा मंदिर पर सुरक्षा की व्यवस्था चुस्त दुरुस्त रहती है। हजारों लोगों का आस्था का केंद्र होने व जीवनदान मिलने के बावजूद मंदिर परिसर का विकास अभी तक नहीं हो पाया है। बारिश में लोगो को कीचड़ में जाकर पूजा करनी पड़ती है। सरकार व क्षेत्र के विधायक सांसद से इस पर विशेष ध्यान देने की अपील श्रद्धालुओ ने किया है।

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