समाज का आइना कहे जाने वाले पत्रकारों का अस्तित्व खतरे में,जब अपराधी खासकर प्रशासन के संरक्षण में हो

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जौनपुर /महाराजगंज थाना क्षेत्र के अंतर्गत सुवासा गांव निवासी संतोष कुमार गौतम पत्रकार जिसने अपने गांव के कुछ दबंगों के द्वारा गांव में लोगों को मारने पीटने परेशान करने की खबर को लेकर न्यूज़ चैनल पर प्रसारित किया था जिसके प्रसारित होने के अगले ही दिन पत्रकार संतोष कुमार कि उक्त गांव के बाहुबली दबंगों द्वारा मार कर दोनों पैर तोड़ दिया जाता है तथा उनके पूरे परिवार को भी प्रताड़ित किया जाता है प्रशासन से न्याय की उम्मीद में संतोष कुमार पत्रकार ने 1 महीने आमरण अनशन किया फिर भी कोई मदद नहीं मिला l प्रशासन के द्वारा जिसका परिणाम यह मिला कि विगत दिनांक 19 सितंबर को रात्रि करीब 1:30 बजे थाना अध्यक्ष महाराजगंज द्वारा जबरदस्ती मारते पीटते हुए संतोष कुमार को जिला चिकित्सालय में जबरजस्ती भर्ती करा दिया गया ताकि माननीय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी का मुंगरा बादशाहपुर विधानसभा में आयोजित कार्यक्रम में जाकर पत्रकार द्वारा थाना अध्यक्ष महराजगंज एवं आला अधिकारियों की मिली भगत तथा कानूनी व्यवस्था की पोल ना खुल जाए, जिसके कारण पत्रकार संतोष कुमार को जिला अस्पताल जबरजस्ति भर्ती कराया गया l पत्रकार ने अपने तथा परिवार परिवार की हत्या का आशंका फर्जी मुकदमा को निरस्त करने तथा आरोपी को गिरफ्तार करने के लिए न्याय की गुहार लगाने के बावजूद किसी भी आला अधिकारी के कान से जूं तक नहीं रेगा यह आरोप पत्रकार संतोष के द्वारा लगाया गया है l जिस बात को लेकर कुछ पत्रकार पुलिस अधीक्षक से पत्रकार की मदद करने के लिए मिले, जिसमें एसपी ने पत्रकारों को सुरक्षा प्रदान करने में हीला हवाली दिखाइए तो वही आनाकानी दिखाते हुए झूठा आश्वासन देकर वापस लौटा दिया श्रीमान अजय कुमार साहनी जी से संतोषजनक कार्रवाई का जवाब ना मिलने पर पत्रकारों ने डीएम मनीष कुमार वर्मा से मुलाकात की तो उन्होंने कहा कि आप लोग एसपी से जाकर मिले मैं बात कर कह देता हूं जब मीडिया कर्मी से मिलने पहुंचे तो काफी इंतजार के बाद भी कार्यालय से बाहर नहीं निकले तथा पत्रकारों की समस्या सुनने के बजाय उन्होंने पुलिसकर्मियों को लाठी-डंडे के बल पर बाहर भागने की बात कही ताकि पत्रकार बाइट लेकर मामले के बारे में कोई सवाल ना कर सके पुलिस अधीक्षक कार्यालय में तैनात पुलिसकर्मियों द्वारा पत्रकारों के साथ ऐसा का मानवीय व्यवहार तथा आरोपियों जैसा रवैया अपनाने से पत्रकारों में जहां असंतोष का आक्रोश व्यक्त किया है वहीं एसपी की तानाशाही तथा वर्दी का गुरूर दिखाने की पत्रकारों ने घोर निन्दा की पत्रकारों के साथ हुए दुर्व्यवहार तथा लोगों की तरह भीड़ का हिस्सा समझने तथा उनके शर्मनाक रवैया बेहद ही निन्दानीय है

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