शिक्षा वह प्रक्रिया है, जो एक बालक को पशुता से उठाकर मानवता से होते हुए देवत्व तक की यात्रा कराती है- डॉ ईश्वरचंद्र त्रिपाठी

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बंदीपुर/अंबेडकरनगर

रामहित लछिमन स्मारक महिला महाविद्यालय बंदीपुर में सात दिवसीय एनएसएस शिविर के समापन पर आयोजित कार्यक्रम संपन्न हुआ। बतौर मुख्य अतिथि श्री दुर्गा जी पीजी कॉलेज चंडेश्वर आजमगढ़ के व्याख्याता और प्रख्यात शिक्षाविद डॉ ईश्वरचंद्र त्रिपाठी ने कहा कि जब सेवा योजनाबद्ध तरीके से की जाती है तब नैसर्गिक और सुंदरतम ढंग से होने वाले अवदान से राष्ट्र को मजबूती मिलती है। उन्होंने कहा कि शिक्षा वह प्रक्रिया है, जो एक बालक को पशुता से उठाकर मानवता से होते हुए देवत्व तक की यात्रा कराती है। उन्होंने बीते दिनों में सीखे गए गुणों को जीवन में उतारने के लिए राष्ट्रीयता को साथ लेकर योजनाबद्ध तरीके से सेवा करने की सीख दी। डॉ त्रिपाठी ने कहा कि वर्तमान समय में वृद्धो का बहुत अपमान हो रहा है। 90 के दशक के बाद वृद्धाश्रम की संख्या काफी बढ़ी है। पहले गरीबों के बच्चे अनाथ आश्रम में रहते थे और अब अमीरों के मां-बाप वृद्ध आश्रम में रह रहे हैं। ऐसे में नई पीढ़ी को सजग और जागरूक होने की जरूरत है। समारोह की अध्यक्षता तिलकधारी प्रजापति और संचालन प्राचार्य अवधेश कुमार ने किया। मौके पर राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त शिक्षक राम आसरे विश्वकर्मा, सेवा निवृत प्रवक्ता राम निहोर प्रजापति, प्रबंधक श्रीदत्त विद्यार्थी के अलावा रामवृक्ष, अनुपम सिंह, अनिल यादव, छोटेलाल, सुरेंद्र प्रताप सिंह आदि की मौजूदगी में अंतिमा प्रजापति, मानसी प्रजापति, खुशबू निषाद, शिवांगी, मनीषा, अस्मिता यादव, रागिनी गौतम,भीम ज्योति, प्रीति गौतम ने सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत कर लोगों का दिल जीत लिया।

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