बुद्धांकुर भीम ज्योति सेवा संस्थान के द्वारा खुशामद पुर में मनाया गयी बौद्धों के द्वारा सावनी पूर्णिमा का पर्व

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सुल्तानपुर/ जिले के अखंड नगर विकास खंड के खुशामद पुर गांव में बौद्धो के द्वारा सावन की पूर्णिमा बुध्दांकुर भीमज्योति सेवा संस्थान के ऑडिटर माननीय राम नायक मास्टर के घर पर मनाया गया। जिसमें बुध्दांकुर भीमज्योति सेवा संस्थान के पदाधिकारीयों द्वारा समाज में फैली कुरीतियों व अंधविश्वास पर प्रकाश डाला गया तथा रक्षाबंधन सिर्फ हिंदुओं का त्यौहार है और वह यहां के मूल निवासियों को गुलाम बनाने का एक षड्यंत्र है इस पर लोगों को जागरूक किया गया। ऐसे त्यौहार मनाने से गरीबों का कितना नुकसान होता है इस पर महिलाओं को जागरूक किया गया ।यह त्यौहार महाराजा बली की हत्या और उनसे दान स्वरूप शस्त्र, धन और हथियार न रखने का वचन लेकर उनके हाथ में रक्षा सूत्र बांधकर उन को गुलाम बनाकर यह साबित किया गया की सब उनकी गुलाम हैं और कालांतर में इसे भाई और बहन का त्योहार बता दिया गया हकीकत में यह त्यौहार भाई बहन का त्यौहार नहीं है अगर भाई बहन का त्यौहार होता तो क्या मुस्लिम ,सिक्ख, जैन, पारसी बौद्ध या ईसाई में भाई बहन नहीं होते वे लोग इसको क्यों नहीं मनाते । त्योहार हम लोगों को गुलाम बनाने का तरीका है

*येन बध्दो दानवेन्द्रो बली राजा महाबल:
तेन त्वाम,प्रतिबंध्दामि् रक्ष्ये माचल माचल माचल*

इस सूत्र के द्वारा राजा बलि को बांधा और गुलाम बनाया गया और उनसे छल से शस्त्र शिक्षा और धन लिया गया और गुलाम बना लिया गयाहै ऐसे त्योहारों को ना मनाएं वह अपने धन व समय की बचत करें इस पर प्रकाश डाला गया वहां गांव के माताएं बहनें व बुजुर्ग और बच्चों ने शामिल होकर कार्यक्रम को सफल बनाया और ऐसे कृतियों को ना मनाने का संकल्प लिया।

के मास न्यूज़ सुल्तानपुर

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