गाजीपुर मनिहारी ब्लॉक अंतर्गत शादियाबाद के क्षेत्र में चल रहे वीरेंद्र इंट उद्योग पर जांच के दौरान प्रदूषण जांच के अधिकारी ने बताया कि मिट्टी खनन के साथ आसपास के पर्यावरण संरक्षण के लिए , बिना प्रमाण पत्र के चल रहे भट्ठों पर कार्रवाई करने का दिया है निर्देश। स्वच्छता प्रमाण पत्र की अनिवार्यता ने ईंट-भट्ठा संचालकों की मुसीबत बढ़ा दी है। जिले में संचालित वीरेंद्र ईट उद्योग वाह व और कई ईंट-भट्ठों के पास स्वच्छता प्रमाण पत्र नहीं है। नियमों को दरकिनार कर चल रहे इन ईंट-भट्ठों से न सिर्फ स्वच्छता मानकों का उल्लंघन हो रहा है, बल्कि पर्यावरण को भी क्षति पहुंच रही है। प्रशासन ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। इससे भट्ठा मालिकों की बेचैनी बढ़ गई है।
पर्यावरण संरक्षण के लिए सरकार की ओर से ईंट भट्ठों के लिए प्लान बनाया गया है। उन्हें तय मात्रा में ही मिट्टी का खनन करना है। उसकी ढुलाई या ईंट निर्माण के दौरान सुरक्षा व स्वच्छता के मानक का पालन करना जरूरी है। प्रदूषण विभाग से एनओसी लेने वाले ईंट-भट्ठा मालिकों को मिट्टी खनन के लिए स्वच्छता प्रमाण पत्र लेना पड़ता है। कागजी प्रक्रिया जटिल होने के कारण अधिकांश ईंट भट्ठा मालिक स्वच्छता प्रमाण नहीं लिए हैं और नियम को दरकिनार कर मिट्टी का खनन कर कच्चा ईंट बनवा रहे हैं। ऐसे संचालकों पर, इसे लेकर संचालकों में खलबली मची है। 299 ईंट भट्ठे बंदी का आदेश के बाद भी संचालित हो रहे हैं। जिनको जांच कर बंद कर देने का आदेश जारी किया जा चुका है फिर भी संचालकों ने स्वच्छता प्रमाण पत्र अभी तक नही बनवाया है। प्रदूषण वाराणसी क्षेत्राधिकारी के आदेशानुसार गाजीपुर के सुरहुरपुर सिंह नाथ मैं संचालित हो रहा वीरेंद्र ईट उद्योग पर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ग़ाज़ीपुर जांच अधिकारी बालेंद्र कुमार श्रीवास्तव अरे जांच कर दस्तावेज जमा करने के लिए 1 हफ्ते का दिया अल्टीमेटम अन्यथा हो सकती है कार्रवाई बिना स्वच्छता प्रमाण पत्र लिए अवैध तरीके से ईंट भट्ठा चलाने वाले मालिकों की मुश्किलें बढ़ती जा रही है।बंद होंगे ईंट भट्ठे
जिले में 299 ईंट-भट्ठा बंद करने का निर्देश जारी किया जा चुका है शासन के द्वारा जो की वर्तमान समय में जिनमे से महज 50 भट्ठा ही बंद है अन्यथा 150 से 200 तक के बाद उसी तरह संचालित हो रहे हैं जिन को बंद कराने के लिए जिलाधिकारी गाजीपुर द्वारा टीम गठित कर दी गई है 2004 के बाद संचालित होने वाले 299से अधिक ईंट-भट्ठा को प्रदूषण विभाग से एनओसी नहीं मिली है। इनका अवैध तरीके से संचालन हो रहा है। खनन विभाग की इस कार्रवाई से ऐसे ईंट भट्ठों की आग बुझ जाएगी।
ईट भट्ठा चलाने के मानक इस प्रकार है
1.बढ़ते प्रदूषण को रोकने के लिए स्वच्छता प्रमाण पत्र ईंट-भट्ठा मालिकों के लिए अनिवार्य किया गया है। माइनिंग प्लान के अनुसार ईंट-भट्ठा मालिक जहां मिट्टी का खनन कराएगा। उस जमीन का खतौनी और खसरा को प्रदूषण विभाग कार्यालय में जमा करना होगा। शर्तों में मिट्टी खनन करने का मानक, एक जगह से दूसरे स्थान पर मिट्टी ढककर लेकर जाना होगा। सूखी मिट्टी होने पर पानी का छिड़काव करने समेत कई नियमों को पूरा करना शामिल है।
इसको लेकर ईट-भट्ठा संचालकों की परेशानी बढ़ गई है।प्रदूषण विभाग से एनओसी लेने वाले ईंट-भट्ठों के लिए स्वच्छता प्रमाण पत्र लेना अनिवार्य है। भट्ठा संचालक जल्द प्रमाण पत्र ले लें। बिना प्रमाण पत्र के चल रहे ईंट-भट्ठों पर कार्रवाई की जाएगी।
ब्यूरो रिपोर्ट– के मास न्यूज़ गाजीपुर सब ब्यूरो चीफ शिवलोचन