सफाईकर्मियों की लापरवाही से गांवों में स्वच्छता अभियान धड़ाम

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अंबेडकरनगर
ग्रामीण क्षेत्रों में साफ-सफाई के लिए तैनात कर्मियों की लापरवाही जनहित पर भारी है। गांवों में सफाईकर्मी महज आधे घंटे ही विद्यालय की सफाई कर अपनी जिम्मेदारियों से मुंह मोड़ ले रहे हैं। नतीजतन गांव की सफाई राम भरोसे है। कुछ सफाईकर्मी ऐसे भी हैं, जो वर्षों से गायब हैं और बगैर काम किए ही वेतन ले रहे हैं। कुछ सफाईकर्मी अधिकारियों की कृपा से ब्लाक व जिला कार्यालय पर तैनात हैं। कुछ तो उच्चाधिकारियों की सेवा में लगा दिए गए हैं। जलालपुर और भियांव ब्लाक के 120 व 83 ग्राम पंचायतों में कुल 322 सफाईकर्मियों की तैनाती है। इन सभी को गांव की मुख्य सड़कों, गलियों, नालियों के साथ ही सरकारी स्कूलों और भवनों के साफ-सफाई की जिम्मेदारी दी गई है, लेकिन ये महज प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालय के बाहरी परिसर में झाड़ू लगाकर चले जाते हैं। सफाईकर्मियों की लापरवाही से गांवों में स्वच्छता अभियान धड़ाम है। सड़कों, गलियों में फैली गंदगी के बीच ही यहां के निवासी रहने को विवश हैं। गांवों में साफ सफाई नहीं होने की शिकायत का संज्ञान नहीं लिया जाता है। दर्जनों बाजारों की सफाई रामभरोसे: जलालपुर और भियांव ब्लाक में दर्जनों बाजार हैं, जहां हजारों ग्राहक प्रतिदिन आते-जाते हैं। इन बाजारों में फैली गंदगी बाजारवासियों के साथ ही ग्राहकों को परेशान कर रही है। दुकानदार और यहां के लोग अपने सहन की सफाई तो कर देते हैं। शेष स्थानों की सफाई न होने से बाजार में गंदगी फैली रहती है। मालीपुर, सुरहुरपुर, धौरूवा बाजार, खजुरी करौंदी, पट्टी चौराहा, सम्मनपुर, रफीगंज, दुल्हूपुर, बंदीपुर, नेवादा, अम्बरपुर समेत अन्य बाजारों की साफ-सफाई के लिए सफाईकर्मी तैनात हैं, जो नियमित रूप से ड्यूटी नहीं करते। सफाईकर्मी के नहीं आने से प्राथमिक विद्यालयों में जहां बच्चे व शिक्षक साफ-सफाई को मजबूर हैं, वहीं गांव की गलियों में गंदगी है और नाली जाम हो रही है।

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