जलालपुर (अंबेडकरनगर)। तहसील क्षेत्र में पाभीपुर गांव के पास माइनर की पटरी कटने से किसानों की लगभग 70 बीघा फसल जलमग्न हो गई। इससे किसानों को तगड़ी चपत लगी है। बुधवार रात में कटी माइनर की पटरी को दुरुस्त कराने के लिए गुरुवार दिन में भी सिंचाई विभाग का कोई कर्मचारी मौके पर नहीं पहुंचा। कड़ाके की ठंड में एकजुट किसानों ने काफी मशक्कत के बाद देर शाम किसी तरह क्षतिग्रस्त पटरी को दुरुस्त किया। सिंचाई विभाग की इस उदासीनता पर किसानों ने कड़ी नाराजगी जताई है। उन्होंने कहा कि सिंचाई विभाग न सिर्फ माइनरों की सफाई में मनमानी करता है, बल्कि क्षतिग्रस्त पटरियों की मरम्मत में भी दिलचस्पी नहीं दिखाता। इसके चलते ही इसका खामियाजा अक्सर किसानों को भुगतना पड़ता है।जलालपुर तहसील क्षेत्र के पाभीपुर गांव में गुरुवार को सुबह उस समय हड़कंप मच गया, जब किसानों ने देखा कि उनकी फसल जलमग्न हो गई है। किसान माइनर पर पहुंचे तो देखा कि लगभग 10 फिट की दूरी में पटरी कट चुकी है। पानी तेजी से खेतों की तरफ जा रहा है। इससे किसानों की चिंता बढ़ गई। सूचना सिंचाई विभाग के अधिकारियों को देने के साथ ही किसान डूब रही अपनी फसल को बचाने में जुट गए।पानी का बहाव इतना अधिक तेज था कि उनका प्रयास विफल साबित हो रहा था। बाद में ग्रामीणों को जेसीबी बुलानी पड़ी। कड़ी मशक्कत के बाद किसी तरह क्षतिग्रस्त पटरी को दुरुस्त किया जा सका। माइनर के पानी से तब तक किसानों की 70 बीघा से अधिक फसल जलमग्न हो चुकी थी।
माइनर की पटरी क्षतिग्रस्त होने से पाभीपुर निवासी किसान राजेश की एक बीघा, दुर्गा, राधेश्याम, संजय कुमार, प्रभु की 10-10 बिस्वा, मुन्ना की 2 बिस्वा समेत दो दर्जन से अधिक किसानों की लगभग 70 बीघा फसल जलमग्न हो गई। किसानों ने सिंचाई विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों की उदासीनता पर कड़ी नाराजगी जतायी। किसान जयप्रकाश व मोहन ने कहा कि सिंचाई विभाग की मनमानी चरम पर है। न तो माइनर की नियमित व बेहतर तरीके से सफाई करायी जाती है और न ही समय-समय पर क्षतिग्रस्त पटरियों को दुरुस्त कराने की जरूरत समझी जाती। किसानों ने जिला प्रशासन से बर्बाद हुई फसल की भरपाई कराने की मांग की है। साथ ही सिंचाई विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों पर कार्रवाई की मांग की है।
भेजी गई कर्मचारियों की टीम
ग्रामीणों की ओर से पाभीपुर में माइनर की पटरी क्षतिग्रस्त होने की सूचना प्राप्त होने पर टीम को मौके पर भेजा गया है। वैसे भी कर्मचारियों को निर्देश है कि समय-समय पर वह मौका मुआयना करें, जिससे क्षतिग्रस्त पटरियों के अनुरक्षण का कार्य समय पर किया जा सके।
-एसपी सिंह, अधिशाषी अभियंता सिंचाई विभाग
माइनर कटी, 70 बीघा फसल जलमग्न
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