सुलतानपुर / विकास खंड अखंड नगर सुलतानपुर के एक युवा जिसने पिता की राह पर चलते हुए हर घर दस्तक दे कर शिक्षा की अलख जगा रहा है, नाम है अभिजीत प्रताप सिंह, ये मूलत कादीपुर विधानसभा क्षेत्र के कुन्दाभैरोपुर गांव के निवासी है, इनके पिता राणा अजीत प्रताप सिंह समाज सेवा के साथ राजनीति में भी सक्रिय रहते है योगी सरकार के पहले कार्यकाल मे दर्जा प्राप्त राज्य मंत्री भी रहे। अभिजीत प्रताप सिंह बताते है कि उनके पिता राणा अजीत प्रताप सिंह ने क्षेत्र में कई विद्यालय की नींव रखी ताकि क्षेत्र के युवाओ को बाहर न जाना पड़े, उसी को आगे विकसित करते हुए प्रयास रहता है कि किसी भी वर्ग का बच्चा पैसे के अभाव शिक्षा से वंचित न रहे ।
*कोरोनाकाल से अभिजीत ने समाज सेवा मे हासिल किया मुकाम*
महामारी के दौरान दुनिया भर में ‘क्वारंटीन’ से लेकर ‘लॉकडाउन’, ‘कंटेनमेंट जोन’ और ‘सोशल डिस्टेंसिंग’ जैसे शब्दों का जमकर इस्तेमाल हुआ और 2020 में यह आम लोगों की बोलचाल का हिस्सा बन गया। 2020 में मार्च ने आते आते हमारी जिंदगी के मायने पूरी तरह से बदल दिए थे, एक तरफ महामारी का खतरा तो दूसरी तरफ जिंदगी से नया पाठ, भय और खतरों के बीच भी जिंदगी को नये पहलू से समझते हुए अभिजीत ने आगे बढ़ते गए, कई अपनों का साथ छूटा तो कई लोग नई उम्मीद के साथ आगे बढ़े ये सोच एक युवा अपनी टीम के साथ दूर दराज से आने वाले मुसाफिर को उनके मुकाम तक सही सलामत पहुंचाना, उनके भोजन, वस्त्र, दवा आदि की व्यवस्थित करना ही अभिजीत की जिंदगी की हिस्सा बन गया था। अभिजीत सिंह कहते है शिक्षा हमारे व्यक्तिगत कौशल, योग्यता और स्वभाव को विकसित करने में मदद करती है। यह हमारी मशीनरी की क्षमता, संभावनाओं का समाधान करने की क्षमता, और स्वतंत्रता के साथ नए आविष्कारी विचारों का विकास करता है। शिक्षा हमें सामाजिक उत्तरदायित्व के प्रति जागरूकता प्रदान करती है और सामाजिक सरोकारों के समाधान के लिए व्यावसायिकता और योग्यताओं का विकास करती है। यह हमें एक न्यायसंगत, इंसानी, और समरस समाज के निर्माण में सहयोग करने की प्रेरणा प्रदान करता है, आर्थिक स्वावलंबन का मार्ग दिखाती है। विद्वान व्यक्ति को अधिक रोजगार के अवसर, सर्वोच्च वेतन, और आर्थिक स्थिरता का लाभ मिलता है। इसके अलावा, शिक्षा हमें सर्वोच्च स्तर की जीवन गुणवत्ता की प्राप्ति के लिए भी तैयार करती है। शिक्षा हमें विभिन्न संस्कृतियों, धर्मों और संप्रदायों की समझ प्रदान करती है और सामान्य संस्कृति को बढ़ावा देती है। यह हमारे बीच सामग्री, टोलमोल, और सांस्कृतिक विविधता को स्वीकार करने में मदद करता है।
शिक्षा के इन संप्रदायों के माध्यम से हम समृद्ध, समरस, और प्रगतिशील समाज का निर्माण कर सकते हैं। यह हमारे व्यक्तित्व का विकास करता है और हमें आदर्श नागरिक के रूप में समर्पित करता है।
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