आवास पास होने के बाद भी नही मिला अधिकरी लगवा रहे चक्कर/सीमा सेठी

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जौनपुर /सरकार जहा गरीबों तथा बेघर को प्रधानमंत्री आवास का लाभ दे मदद कर रही हैl तो वही जमीनी अस्तर तक लाभ मिल पाना मुश्किल दिखता हैl मिली जानकारीके अनुसार आपको बता दें कि जिले में नगर क्षेत्र की एक ऐसी पात्र महिला जिसे डूडा विभाग के अधिकारी एवं कर्मचारी लगवा रहे हैंl विगत चार वर्षो से चक्कर, शहरी आवास विकास योजना अंतर्गत प्रधानमंत्री आवास के नाम पर विभागीय अधिकारी एवं कर्मियों द्वारा एक पात्र महिला का पास हुआ lआवास किसी अन्य व्यक्ति को देने के नाम पर लापरवाही उजागर होती दिखी l नगर क्षेत्र स्थित जितापट्टी निवासी महिला सीमा सेठी ने आवास हेतु अपना आवेदन सन् 2018 में कोरोना काल के पहले किया था l जिसका आवास बनने हेतु विभागीय निरीक्षण होने के बाद उनका आवास पास हो गया था , जिसके उपरांत विभाग द्वारा बेनिफीसरी कोड भी उनके फोन पर आ गया था l किन्तु विभागीय लापरवाही इस कदर दिखाई दी की उक्त पात्र महिला का पास आवास की बेनिफीसरी कोड किसी अन्य व्यक्ति के नाम करते हुए उक्त व्यक्ति का आवास बनवा दिया गया जो कही न कही विभाग द्वारा किया गया घोर लापरवाही, जिसके फलस्वरूप आज तक उक्त महिला सीमा सेठी को विभाग द्वारा आवास के नाम पर लगवाया जा रहा है निरंतर विभाग का चक्कर,
प्रधानमंत्री आवास योजना की पात्र महिला सीमा सेठी द्वारा यह बताया गया की विभाग में जाने के बाद विभाग के कर्मियों द्वारा बताया की यदि आवेदक द्वारा आवास पास के लिए आवेदन करने वाले के मुखिया की यदि मृत्यु हो जाती हैं , तो उसका बेनिफीसरी कोड किसी अन्य पात्र को दे दिया जाता है, किन्तु बड़ी हैरत की बात यह है कि आवेदिका खुद आवास के लिए आवेदन की थी l और आवेदिका का मुखिया उसका पति अभी जीवित हैl उसका कहना है की उसके यहाँ किसी की भी मृत्यु नहीं हुई हैं , तो आखिर क्यों विभाग के अधिकारी एवं कर्मचारियों द्वारा आवेदिका को ऐसी बाते बोल कर क्यों गुमराह किया जा रहा है , कहीं ऐसा तो नहीं की विभाग के अधिकारी एवं कर्मियों कि मिलीभगत से पात्र महिला का पास हुआ l आवास जिसका बेनिफीसरी कोड भी महिला के फोन पर आ गया था , तो फिर उसी बेनिफीसरी कोड संख्या पर अन्य व्यक्ति पप्पू लाल वैश्य निवासी मोहल्ला सय्यैद अलिपुर हरखपुर को कैसे लाभ हेतु आवंटित किया गया, जो कि अपने में एक सोचनीय विषय हैं, जिसकी जांच होना अति आवश्यक हैंl लेकिन बड़ी हैरत की बात यह है कि उक्त पात्र महिला का आवास पास होने के उपरांत ,उसके फोन पर बेनिफीसरी कोड संख्या आने के बाद भी विभाग द्वारा बड़ी लापरवाही कैसे हुई l

ब्यूरो रिपोर्ट, जौनपुर

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