पत्रकार सन्तोष कुमार को जिला प्रशासन से न्याय न मिलने पर जिलाधिकारी से मांगी जनसूचना

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जौनपुर/ महाराजगंज थाना महाराजगंज क्षेत्र सवंसा गांव के पत्रकार सन्तोष कुमार को गांव के दबंगों द्वारा मारकर दोनों पैर तोड़ दिया जाता है तथा घटना की संपूर्ण जानकारी पत्रकार द्वारा थाना महाराजगंज को सुचना दी गई , लेकिन आरोपी पर किसी भी तरह की कोई कार्यवाही न होने पर न्याय की उम्मीद में जिलाधिकारी कार्यालय के सामने एक माह से अधिक समय से आमरण अनशन पर बैठे
पत्रकार को किसी प्रकार न्याय की उम्मीद न दिखने पर जनसूचना अधिकार अधिनियम 2005 के तहत पत्रकार ने निम्न बिन्दुओं पर जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा से जन सूचना की माग की , 30 दिन के आमरण अनशन की रिसीविंग न देने तथा मुकदमा संख्या 120/21दर्ज मुकदमे में थाना महाराजगंज द्वारा गिरफ्तार क्यों नहीं किया गया? तथा फर्जी मुकदमा संख्या 122/21 को समाप्त न करने ,20/07/2021 घटना के संदर्भ में एफ आई आर क्यों दर्ज नहीं किया गया? एलआईयू और इंटेलीजेंट ब्यूरो द्वारा 21/08/21से 19/09/21 से आज तक सभी रिपोर्ट पर हुईं कार्यवाई की सत्यापित प्रमाणित सूचना उपलब्ध कराने की मांग की हैl पुलिस अधिक्षक से ग्रामीणों द्वारा भाजपा नेता यदुवेंद्र प्रताप सिंह , सनी सिंह उर्फ गोलू सहित उनके अराजक साथियों द्वारा मारने पीटने , प्रताड़ित करने था जान से मारने की धमकी देने आदि मामले की लेकर शिकायत दिनाँक 25/06/2021 को की गई थी , जिसके सम्बध में पत्रकार द्वारा खबर लिखी गई थी जिसमें थाना अध्यक्ष महाराजगंज सहित आरोपियों ने द्वेष पूर्वक खुन्नस निकालने के लिए यदुवेंद्र प्रताप सिंह से मिलीभगत कर घर पर काम करने वाले एक नौकर से साजिश रच फर्जी मुकदमा दर्ज करवा दिया l ठीक अगले दिन 26 जून को उक्त दबंगों द्वारा कुचक्र रच मारपीट कर पत्रकार का पैर तोड़ दिया जाता है , पत्रकार का आरोप था की बी जे पी नेता यदुवेंद्र प्रताप सिंह का नाम निकालने का थाना अध्यक्ष महराजगंज के द्वारा दबाव बनाया जा रहा थाl जब पत्रकार ने उनकी बात मानी तो उसके खिलाफ विभिन्न धाराओं में फर्जी मुकदमा दर्ज करा दिया जाता है , जिससे पत्रकार विवश होकर पुलिस अधीक्षक को घटना की जानकारी का विवरण प्रार्थना पत्र के द्वारा देकर न्याय की उम्मीद लगाई और पुलीस अधीक्षक के आदेश पर इक्कीस दिन के बाद 17/08/21 को मुकदमा दर्ज किया जाता है , जिससे प्रतीत होता है कि संविधान के चौथे स्तंभ को समाप्त करने तथा लोकतंत्र का गला घोटने व प्रशासन द्वारा लोकतंत्र को निस्तो नाबूत करना साबित होता है , तथा प्रशासन द्वारा अत्याचार , अन्याय, और उत्पीड़न अगर पत्रकार के साथ है तो फिर आम जनमानस के साथ कितने जुल्म होते होंगे यह तो आम जनता ही बता सकती हैं,जबकि मुख्यमंत्री योगीआदित्यनाथ जी प्रदेश को भय मुक्त होने का दावा करते है l
मुख्यमंत्री द्वारा विशेष पुरस्कार से सम्मानित पुलिस अधीक्षक अजय कुमार सहानी सरकार की मंशा पर पानी फेरने का कार्य कर रहे है, प्रशासन को यह सबक सीखने तथा चेतावनी होगी कि कुछ वर्षो पहले ही पत्रकार जन सूचना आयोग द्वारा पूर्व खण्ड विकास अधिकारी को सूचना आयोग द्वारा 25000 रुपयों का जुर्माना लगा था, जिसके परिणाम स्वरूप खण्ड विकास अधिकारी महराजगंज ने अपना पल्ला झाड़ लिया था अन्त में ग्राम विकास अधिकारी को 25000 रुपए का जुर्माना भरना पडा था , जिस बीती घटना प्रशासन को यह सोचना चाहिए कि यदि जिले के आला अधिकारी जब सूचना आयोग के कटघरे में खड़े होंगे तो आने वाले समय में प्रशासन पर से आम जनता का बचा हुआ भरोसा भी समाप्त हो जाएगा l

रिपर्टिंग के मास न्यूज नेटवर्क

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