जौनपुर।जिले के एक असरप्ताल पर लगा बड़ा आरोप आपको बता दे कि सिद्धार्थ साहू का आरोप है कि उनकी बेटी वंशिका साहू( 12 वर्ष) को हल्के बुखार व पेट दर्द होने लगा। हालत खराब होने पर परिजन आनन-फानन में उसे साईं बाल चिकित्सालय में डाक्टर अभिषेक मिश्रा को दिखाया। चिकित्सक ने उपचार शुरू किया और अपने यहाँ भर्ती कर लिया। परिजन के अनुसार कई दिन तक उपचार के बाद जब हालत गंभीर हो गई तो उसे रेफर कर दिया। वाराणसी के एक निजी अस्पताल में जब परिजन लेकर गये तो वहाँ उसे मृत घोषित कर दिया गया। जानकारी के अनुसार शहर कोतवाली थाना क्षेत्र के रहने वाले सिद्धार्थ कुमार साहू की इकलौती बेटी की हालत खराब हो गयी। उक्त चिकित्सालय में भर्ती कराया गया तो चिकित्सक ने कई तरह की जांच करवाई। परिजन ने कहाकि इंजेक्शन और दवाईयों के बाद स्थिति और बदतर हो गयी। स्थित गंभीर देख परिजन ने कहाकि आप रेफर कर दीजिये हम कहीं और दिखा दें लेकिन उन्होंने उपचार जारी रखा। आरोप है कि चिकित्सक धनार्जन के लिए उपचार करते गये और हालत गंभीर हो गयी। 23 अक्टूबर की सुबह इंजेक्शन लगाने के बाद प्लेटलेट 21000 हो गया। जिस पर डा. अभिषेक मिश्रा ने दो यूनिट प्लेटलेट्स का इंतजाम करने को कहा। सिद्धार्थ साहू ने प्रार्थना पत्र में कहा कि मेरी बिटिया की तबियत लगातार खराब होती जा रही थी लेकिन चिकित्सक उसे रेफर नहीं कर रहे थे। किसी तरह एक यूनिट प्लेटलेट्स का इंतजाम कर दिया गया। उपचार के दौरान ही स्थिति नाजुक हो गयी तो चिकित्सक ने ऑक्सीजन पर रख दिया और बाद में उसे रेफर कर दिया। परिजन आनन-फानन में उसे बनासर के गैलेक्सी अस्पताल में ले गये जहां चिकित्सकों ने देखते ही मृत घोषित कर दिया। परिजन का कहना है कि डा. अभिषेक मिश्रा के गलत उपचार के कारण मेरी बिटियां की जान गई है। डीएम को दिये गये प्रार्थना पत्र में उक्त चिकित्सक पर उचित कार्यवाही करने की मांग की है।
गलत उपचार के कारण मेरी बिटियां की जान गई :सिद्धार्थ साहू
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