महाराष्ट्र/महाराष्ट्र की उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) सरकार ने मंगलवार को आम लोगों पर दर्ज लॉकडाउन (Lockdown) उल्लंघन के सभी मामलों को वापस लेने का फैसला किया है. गृह राज्य मंत्री दिलीप वालसे पाटिल (Dilip Walse Patil) ने कहा कि ज्यादातर मामले IPC की धारा 188 के तहत दर्ज किए गए थे. उन्होंने कहा कि प्रस्ताव को मंजूरी के लिए राज्य मंत्रिमंडल के समक्ष रखा जाएगा. वाल्से पाटिल ने संकेत दिया कि कैबिनेट की मंजूरी के बाद, राज्य भर में दर्ज ऐसे सभी मामलों को वापस ले लिया जाएगा.कोरोना की पहली और दूसरी लहर के दरमियान लागू लॉकडाउन (Lockdown) के दौरान, छात्रों, युवाओं और आम नागरिकों, यहां तक कि कुछ परिवारों के खिलाफ कथित तौर पर लॉकडाउन नियमों के उल्लंघन के हजारों मामले दर्ज किए गए थे. एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि मामले बड़े पैमाने पर रात में सख्त कर्फ्यू के दौरान घूमने, निषेधात्मक आदेशों का उल्लंघन करने, समुद्र तटों जैसे सार्वजनिक स्थानों पर बाहर निकलने वाले लोगों के खिलाफ ये मामले दर्ज किये गए थे. इसके अलावा निजी वाहनों, कुछ रसद और सेवा प्रदाताओं द्वारा निर्धारित कार्य घंटों से अधिक यात्रा करना, आदि मामले भी शामिल थे.हालांकि इस तरह के उल्लंघनों की सही संख्या उपलब्ध नहीं है और विभिन्न अधिकारियों द्वारा संकलित किया जा रहा है. IPC की धारा 188 के तहत अधिकांश मामलों को वापस लिया जाना है, जिससे नियम तोड़ने वालों को बड़ी राहत मिलेगी.
महाराष्ट्र सरकार ने लाकडाउन में दर्ज सभी मामलों को वापस लेने का फ़ैसला लिया
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