अंबेडकर नगर
जनपद अंबेडकर नगर के जिला एवं सत्र न्यायालय में आज राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया । जिसमें मुख्य अतिथि उच्च न्यायालय इलाहाबाद खंडपीठ लखनऊ के न्यायमूर्ति राजेंद्र कुमार चतुर्थ रहे । वाणी की देवी सरस्वती की प्रतिमा पर दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि द्वारा किया गया साथ में जिला एवं सत्र न्यायाधीश पदम नारायण मिश्र, प्रधान पारिवारिक न्यायाधीश आदिल आफताब अहमद, अपर पारिवारिक न्यायाधीश आरती फौजदार, स्थाई लोक अदालत के अध्यक्ष न्यायाधीश चंद्रहास राम, विशेष न्यायाधीश एससी एसटी रत्नेश मणि त्रिपाठी जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सचिव प्रियंका सिंह, अपर जिला जज प्रथम विश्वनाथ, अपर जिला जज द्वितीय विजय कुमार डूंगरा कोटी अपर जिला जज त्वरित दितीय सिविल जज सीनियर डिविजन प्रियंका सिंह, अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट कुमुद उपाध्याय , सिविल जज जूनियर डिविजन त्वरित प्रथम कामाक्षी सागर अपर सिविल जज पंचम अमरनाथ, अपर सिविल जज जूनियर डिविजन त्वरित अशोक कुमार मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट पूनम सिंह सहित दर्जनों न्यायिक अधिकारी और कर्मचारी गण अधिवक्ता गण विभिन्न विभागों के अधिकारी कर्मचारी और बाद कारी उपस्थित रहे । जनपद न्यायालय में कई वर्षों से लंबित पड़े पुराने वादों और विद्युत विभाग के द्वारा किए गए जुर्माने बैंकों से लिए गए कर्ज ,मोटर वाहन के हुए चालान आदि वादों से कुल मिलाकर एक करोड़ नौ लाख चौदह हजार बीस रुपए वसूल किया गया । विशेष पारिवारिक लोक अदालत में कुल पांच प्री लिटिगेशन विवाद मामले आपसी सुलह समझौते के आधार पर पारिवारिक न्यायाधीश द्वारा निस्तारण कराया गया। प्रशासनिक न्यायमूर्ति द्वारा अवगत कराया गया कि न्यायालय के ऊपर दिन पर दिन वादों का बोझ बढ़ता जा रहा है राष्ट्रीय लोक अदालत के माध्यम से हत्या एवं जघन्य अपराधों के मामलों को छोड़कर अन्य सभी मामलों जिनका निपटारा सुलह समझौते के आधार पर किया जा सकता है उन मामलों का निस्तारण बाद कारीगर अपने वादों को सुलह समझौते के आधार पर निस्तारण करा सकते हैं उन्होंने प्री लिटिगेशन वादों के महत्व के विषय में बताया कि वाद कारीगण किसी भी झगड़ा झंझट या मारपीट तथा वैवाहिक मामलों को बढ़ने से पहले जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के माध्यम से बिना किसी न्यायालय फीस के केवल आवेदन पत्र के माध्यम से सुलह समझौता करा सकते हैं ।
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण अम्बेडकरनगर के तत्वाधान में दिनांक 13-08-2022 दिन शनिवार को प्रातः 10.00 बजे से जनपद न्यायालय परिसर अम्बेडकरनगर में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन माननीय न्यायमूर्ति श्री राजेन्द्र कुमार चतुर्थ, माननीय प्रशासनिक न्यायमूर्ति अम्बेडकरनगर की अध्यक्षता में माँ सरस्वती के प्रतिमा के समक्ष दीपाचन एवं पुष्पार्चन करके श्री पद्म नारायण मिश्र, माननीय जनपद न्यायाधीश / अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, अम्बेडकरनगर, श्री आदिल आफताब अहमद, माननीय प्रधान न्यायाधीश, पारिवारिक न्यायालय, अम्बेडकरनगर, श्री चन्द्रहास राम, अध्यक्ष, स्थायी लोक अदालत, अम्बेडकरनगर, श्री रत्नेश मणि त्रिपाठी, विशेष न्यायाधीश एस०सी०एस०टी० एक्ट / नोडल अधिकारी राष्ट्रीय लोक अदालत, सुश्री प्रियंका सिंह, प्रभारी सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, अम्बेडकरनगर के देख-रेख में एवं जनपद न्यायालय अम्बेडकरनगर के समस्त सम्मानित न्यायिक अधिकारीगण एवं कर्मचारीगण की उपस्थिति में कोविड़ 19 महामारी में शासन द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का अनुपालन करते हुए कराया गया।
माननीय प्रशासनिक न्यायमूर्ति द्वारा राष्ट्रीय लोक अदालत के लाभों के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए कहा गया कि न्यायालयों के ऊपर दिन-प्रतिदिन वादों का बोझ बढ़ता जा रहा है. राष्ट्रीय लोक अदालत के माध्यम से हत्या एवं जघन्य अपराधों के मामलों को छोड़कर अन्य सभी मामलों जिनका निपटारा सुलह-समझौते के आधार पर किया जा सकता है, उन मामलों का निस्तारण वादकारीगण अपने वादों को सुलह-समझौते के आधार पर निस्तारण करा सकते हैं तथा प्री-लिटिगेशन वादों के महत्व के बारे में बताया गया कि वादीकारीगण किसी भी झगड़ा झंझट एवं मारपीट तथा वैवाहिक मामलों को बढ़ने से पहले ही जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के माध्यम से बिना किसी न्यायालय फीस के केवल आवेदन पत्र के माध्यम से सुलह-समझौता कराया जा सकता है। इसके अतिरिक्त माननीय प्रशासनिक न्यायमूर्ति द्वारा स्थायी लोक अदालत के बारे में भी विस्तार से बताया गया है।
इस राष्ट्रीय लोक अदालत में कुल 22 अदालतें लगायी गयी। जिसमें कुल 42157 वादों का निस्तारण किया गया । और उसमें से 10000000 रुपए से अधिक की धनराशि वसूल की गई । जो एक गौरव की बात कही जा सकती है ।