सुरहुरपुर मैं मनाई गई सम्राट अशोक जयंती

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सुल्तानपुर/आज दिनांक 29 मार्च 2023 को चैत मास की शुक्ल पक्ष की अष्टमी को महान सम्राट अशोक की जयंती सुरहुरपुर अम्बेडकर नगर में पंजाब नेशनल बैंक के बगल में मनाई गई। इस जयंती समारोह में दूर-दूर से आकर लोगों ने भाग लिया । कार्यक्रम की शुरुआत बुद्ध धम्म के त्रिशरण पंचशील के साथ शुरू किया गया तथा त्रिशरण वंदना भी की गई।आयोजक बंधुओं से बातचीत करने पर पता चला कि यह जयंती का कार्यक्रम पिछले साल से मनाना शुरू किया गया है। इस कार्यक्रम की शुरुआत युवा कमेटी सुरहूरपुर के द्वारा की गई है। इस कमेटी के अध्यक्ष अमित कुमार मौर्य बताया कि यह कार्यक्रम हम पिछले साल से मना रहे हैं यह पूछे जाने पर कि सम्राट अशोक ने बुद्ध का धम्म ग्रहण किया था लेकिन क्या आप लोगों ने बुद्ध की बात को माना ,तो अमित ने बताया कि हम लोग का झुकाव बुद्ध धम्म की तरफ शुरू हो चुका है। जैसे-जैसे जानकारी बढ़ती जा रही है हम लोग अपने महापुरुषों के बारे में जानना शुरू कर दिए हैं ।एक अन्य व्यक्ति से बात करने से पता चला की हम लोग शिक्षा के अभाव में अपने महापुरुषों के बारे में या उनके धम्म के बारे में नहीं जान पाए। ऐसे कार्यक्रमों के जरिए लोगों को जागृत किया जा रहा है और लोगों में जागृति भी बढ़ रही है।इस कार्यक्रम में पुरुष और महिलाओं ने बढ़-चढ़कर के हिस्सा लिया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि अजीत कुमार यादव और रजनीश मौर्य जी रहे ।विशिष्ट अतिथि आलोक यादव तथा राजेंद्र मौर्य रहे। मुख्य वक्ता में दिनेश मौर्य ओमनाथ मौर्य व विशिष्ट वक्ता में मनीष शर्मा और राजेश मौर्य जी रहे ।कार्यक्रम का संचालन वीरेंद्र मौर्य और महेंद्र कुमार ने किया। क्षेत्र में इस प्रकार के कार्यक्रम करके अमित कुमार मौर्य ने अपने समाज को बुद्ध के धम्म की तरफ मोड़ने का प्रयास किया और बाबा साहब के सपनों का बुद्ध मय भारत बनाने का काम भी शुरू किया । सांस्कृतिक कार्यक्रम के द्वारा लोगों की जागृति के साथ उनका मनोरंजन भी किया गया। सम्राट अशोक महान क्यों हुए? उनकी कृतियां क्या है ?उनके सामाजिक कार्य क्या हैं ?उन्होंने देश के लिए क्या-क्या किया ?इन सब बातों पर चर्चा करते हुए राजेश मौर्य ने बताया कि सम्राट अशोक ऐसे शासक रहे जिन्होंने समता ,स्वतंत्रता और बंधुत्व की विचारधारा को अपनाकर मानव से मानव को जोड़ने जैसे महान कार्य को अपनाया ।उन्होंने सड़कें बनवाई सड़कों के किनारे छायादार वृक्ष लगवाएं ।मानव के अलावा पशुओं के लिए भी चिकित्सालय बनवाएं। सम्राट अशोक जैसा अभी तक कोई शाशक नहीं हुआ। सम्राट अशोक का हृदय कलिंग युद्ध के बाद द्रवित हुआ और उन्होंने तथागत बुद्ध का धम्म ग्रहण किया और मानव मानव में शांति व्यवस्था कायम रखने के लिए पूरे देश में जगह-जगह शिलालेख लिखवाए। लोगों ने इस कार्यक्रम के जमकर तारीफ की और कहा कि ऐसा कार्यक्रम हर वर्ष होना चाहिए लोगों ने कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे अमित मौर्य के हिम्मत की भी लोगों ने सराहना किया ।

के मास न्यूज सुल्तानपुर

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