दोस्त पुर
अखंड नगर विकास खण्ड मुख्यालय के बगल में भैंसासुर नामक एक धार्मिक स्थान है जहा पर धार्मिक मान्यता के अनुसार बहुत ही वर्षों पहले भैंसासुर यानी सनातन हिन्दू धर्म में महिषासुर के नाम से जाना जाता है की प्रतिमा स्थापित कर पूजा पाठ शुरू हुआ था जो परंपरागत संस्कृति के अनुसार चला आ रहा है और _मार्गशीर्ष शुक्ल पूर्णिमा तिथि _के अवसर पर मेले का आयोजन होता है इस विशाल मेले में कई दर्जन गाँव के हज़ारों की संख्या में दर्शनार्थियों की भीड़ होती हैं मान्यता के अनुसार आस्थावान लोग अपने पशु प्राणियों के सलामती के लिए कराही चढ़ा कर पूजा अर्चना भी करते हैं इतना विख्यात धार्मिक स्थान होने के बावजूद सुचारू रास्ते व अन्य विकास से अछूता रह गया
लोगों की मान्यताओं के अनुसार भैंसासुर के अनुयाइयों ने इस तिथि को शहादत दिवस के तौर पर मेले का आयोजन करने लगे
आज आयोजित मेले में शामिल दर्शनार्थी में बहुत उमंग व उल्लास दिखाई दे रहा था खास तौर पर बच्चों में
दुकानदार अनुमान से अधिक विक्री होने से खुश हाल थे
मेले में आए जिला पंचायत सदस्य सुरेंद्र वेदी निषाद ने अपने संबोधन में कहा कि मेले में दूर दराज से आए चित परिचित और क्षेत्रीय लोगों के साथ कुछ अलग तरह के आनंद की अनुभूति होती है इसके माध्यम से भाई चारे को बढावा मिलता है।
के मास न्यूज संवाद दाता दोस्त पुर