कटका/ अम्बेडकरनगर
जिले के कटका थाना क्षेत्र के रतना इनामीपट्टी निवासिनी पीड़िता कमरूल निशा ने कटका थाने में तहरीर देकर न्याय की गुहार लगाई है। बताया कि मेरे पुत्र सरफुद्दीन जिसका दिमागी संतुलन सही नहीं होने के कारण सरफुद्दीन के हाथ पैर में बेड़ी डाली गई थी विपक्षी विनोद पुत्र बृज भूषण, विकास यादव पुत्र नंदा यादव, सत्यम यादव पुत्र विनोद यादव व पिंटू यादव पुत्र भुवाल यादव उसी सरफुद्दीन को मेरे घर से जबरन अपने घर ले गए और उसे बांधकर गाली गलौज देकर लाठी-डंडा घुसा -थप्पड़ से मारे पीटे तथा जान से मारने की धमकी दिए। डॉयल 112 की पुलिस ने आकर बीच बचाव की। वहीं पर पीड़ित का भाई ने बताया कि मेरे भाई सरफुद्दीन को रात में पुलिस ने थाने पर लेकर चली गई और रात भर बैठाई रही दूसरे दिन तहरीर देने मां के साथ आया तो पुलिस ने उल्टे मुझे और मेरे भाई जिसकी दिमागी हालत सही नहीं है मुझे भी थाने में बैठा दिया गया और फिर दोपहर बाद 151 में चालान कर दिया और विपक्षीगण के ऊपर कोई कार्यवाही नहीं की गई। पीड़ित ने बताया कि सरफुद्दीन का इलाज वर्षों से चल रहा है जिसका दिमागी हालत ठीक नहीं है। आए दिन विपक्षीगण मारते पीटते हैं इसके पहले भी मार चुके हैं वहीं पर कटका थाना प्रभारी ने बताया कि सरफुद्दीन की दिमागी हालत ठीक नहीं है वह हमला कर देता है इसलिए उसके खिलाफ 151 में चालान कर दिया गया और मुकदमा भी दर्ज कर दिया गया है। क्या अब थाना प्रभारी महोदय दिमागी हालत ठीक नहीं होने वालों को भी सही करने में लगे हुए हैं ये बड़ा सवाल है? अब सवाल ये है कि क्या दिमागी संतुलन सही नहीं होने पर पुलिस मुकदमा कर देगी और उसका दिमाग सही हो जायेगा जो मा. न्यायालय में जाकर मुकदमा भी देखेगा ?