आजमगढ/ निजामाबाद- तहसील अंतर्गत क्षेत्र के किसानो ने तो गेंहू की बुवाई तो कर दि लेकिन सिंचाई के बाद जब यूरिया खेतो मे डालने (छोड़ने ) की पारी आयी तो पूरे दिन कतार मे खड़ा होना पड़ रहा है यह हाल क्षेत्रीय सहकारी समिति लि0 निजामाबाद विकास खंड रानी की सराय की है जहां पर किसान पूरे दिन कतार मे खड़े होकर अपने नम्बर का इंतजार कर रहे है भूखे प्यासे किसान पूरे दिन यूरिया की किल्लत से जूझ रहे है ।जब किसान कतार से परेशान हो जा रहे है तो बाजार मे यूरिया की खोज करने पहुंच रहे है लेकिन बाजार का नजारा कुछ और ही है । किसान मन्नू ने बताया की फरिहा बाजार मे जब यूरिया की खोज किये तो जो दूकानदार यूरिया बेच रहे है एक बोरी यूरिया पीछे शर्त लगा रखे है कि एक बोरी यूरिया लेने पर तीन पैकेट जिंक लेना अनिवार्य है नही तो यूरिया नही मिलेगी ।एक बोरी यूरिया की किमत 300 रूपये और तीन पैकेट जिंक की किमत 180 रुपये होगी । यानि की कुल मिलाकर एक बोरी की यूरिया कि किमत 480 रूपये किसानो को देना पड़ेगा। कुछ किसानो ने बताया कि यूरिया के साथ हम लोग जो जिंक खेतो मे डालते है खेतो की गुणवत्ता को देखते हुए डालते है कौन से खेत कितने जिंक की आवश्कता उसके अनुसार ही हम जिंक खेतो मे डालते है लेकिन ऐसे प्रतिबंध से हम किसान परेशान हो गये है हम लोगो के ऊपर अतिरिक्त बोझ लादा जा रहा है जिससे हम लोग परेशान है ।कुछ किसानो ने बताया कि पैसे के आभाव मे हम लोग बिना जिंक डाले ही सिर्फ यूरिया से काम चला लेते थे ।जब से यूरिया के साथ जिंक प्रतिबन्धितत हो गया है कि बिना जिंक लिए यूरिया नही मिलेगी तब से हम किसानो की मुश्किले और बढ गयी है । यदि किसान यूरिया के साथ जिंक नही लेगा तो बाजारो से यूरिया नही मिल पायेगी । फिर हम किसान लाचार होकर सोसाइटी पर लम्बी कतार लागाने के लिए मजबूर हो रहे है ।
किसानो के लिए मुसीबत बनी यूरिया सुबह से शाम तक कतार मे खड़े होने के बाद मिल रही यूरिया
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