सुल्तानपुर/अंतरराष्ट्रीय बुद्ध विहार गोठांव आजमगढ़ में विगत कई वर्षों से चल रही सामणेर दीक्षा इस वर्ष 16 अक्टूबर से चल रही है । जिसका समापन 24 अक्टूबर को होगा।जिसमें कई जगहों के लोग बौद्ध भिक्खु बन ज्ञानार्जन कर रहे हैं।बिहार के बक्सर जिले से चल कर आये रिटायरमेंट दरोगा श्रद्धेय गोरखराम नव दीक्षित नाम भंते बुद्ध मित्र ने कहा कि मैं प्रथम बार भिक्खु बन यहां पर दीक्षा ग्रहण कर रहा हूं किंतु हमें यहां पर असीम शांति और आनंद महसूस हो रहा है। मैं गुरु जी के सानिध्य में ज्ञान अर्जन कर रहा हूं।देवरिया रुद्रपुर से आए श्रद्धेय रामकुमार सेवानिवृत्ति बैंक मैनेजर नया नाम भन्ते राज रतन ने बताया कि मुझे यहां पर बहुत ही शांति और सुकून मिल रहा है। मैं भगवान बुद्ध में पूर्ण श्रद्धा और विश्वास रखता हूं।अन्य भिक्खू ने बताया कि मैं टाइल्स का ठेकेदार हूं और बहुत ही अच्छा कारीगर हूं। किंतु मैं बहुत ही नशाखोर व्यक्ति था ऐसी कोई नशा नहीं थी जो मैंने ना किया हो ।मेरे लिए व्यक्तिगत शराब का ठेका 4:00 बजे सुबह खुल जाता था । इस नशा से मेरा काफी धन और स्वास्थ्य भी बर्बाद हो गया किंतु यहां आने पर मेरा सारा नशा छूट गया। और मैं बहुत ही सुखमय अनुभव कर रहा हूं।सुल्तानपुर से आये श्रद्धेय भगवान दीन यादव उर्फ तिवारी नया नाम भंते भद्र शील ने कहा कि मैं यहां पर जो कुछ सीखा आज तक मुझे कहीं नहीं मिला था। मैं यहां पर बहुत ही आनंदित और गौरवान्वित महसूस कर रहा हूं।अंतरराष्ट्रीय बुद्ध विहार गोठांव में प्रतिवर्ष भिक्खुओं को सामणेर दीक्षा देकर बौद्ध धम्म का प्रचार प्रसार किया जाता है । इसका श्रेय बुद्ध विहार के संचालक श्रद्धेय आचार्य चंद्रजीत गौतम (भंते मेधांकर )को जाता है। जिसके सानिध्य में दूर दराज से लोग आकर ज्ञान अर्जन करते हैं और अपने जीवन को सफल और शांतिपूर्ण बनाने का प्रयास करते हैं। भंते मेधांकर (आचार्य चंद्रजीत गौतम) ने बताया यहां पर प्रतिवर्ष अक्टूबर माह में धम्म शिविर का आयोजन किया जाता है जिसका समापन अशोक धम्म विजयदशमी के दिन किया जाता है ।इस वर्ष भी 24 अक्टूबर को धम्म शिविर का समापन किया जाएगा उन्होंने बताया कि हमारा उद्देश्य भारत को बौद्ध मय बनाना और बाबा साहब के सपनों को साकार करना है।
के मास न्यूज सुल्तानपुर