शाहगंज(जौनपुर)
रामलीला मैदान में जिस भूभाग पर हुए निर्माण को श्रीरामलीला समिति ने अवैध बताया और स्टे ऑर्डर के बावजूद पास हुए नक्शे को निरस्त करने की मांग की थी, उसे विपक्ष ने अपनी पुश्तैनी जायदाद बताया है। खुटहन रोड निवासी आशा देवी पत्नी बाबूराम ने जिलाधिकारी से शिकायत करते हुए समिति के अध्यक्ष और पदाधिकारियों पर प्रशासन को गुमराह करके निर्माण कार्य रुकवाने का आरोप लगाया है। आशा देवी ने पत्र में यह दावा भी किया कि उक्त भूभाग पर अदालत ने कोई स्टे ऑर्डर नहीं दिया है बावजूद इसके दबाव में स्थानीय तहसील प्रशासन ने काम रोक दिया। बता दें कि बीते शुक्रवार को श्री रामलीला समिति के पदाधिकारियों ने तहसीलदार से मुलाकात कर रामलीला मैदान में अवैध कब्जे पर निर्माण कराने का आरोप लगाया था। समिति का आरोप था कि उक्त भूभाग पर राजस्व विभाग ने नक्शा पास कर दिया, जबकि भूभाग से जुड़ा मामला अदालत में विचाराधीन है और अदालत ने इस पर स्थगन आदेश भी दिया है। समिति ने तत्काल नक्शा निरस्त करते हुए निर्माण कार्य को ध्वस्त कराने की मांग की थी।
इसके जवाब में नई आबादी खुटहन रोड निवासी आशा देवी पत्नी बाबूराम ने जिलाधिकारी को पत्र लिखा और बताया कि उन्हें उक्त भूभाग गाटा सं. 302/2/0.81 हेक्टेयर बंटवारे में मिली है। बंटवारे में मिली जमीन में ही दीवाल बनाई गई है और चारों तरफ पिलर खड़े किए गए है। अन्य निर्माण के लिए बालू, गिट्टी, ईंट और अन्य सामग्री मौके पर रखी हुई है। आशा देवी ने पत्र में बताया कि समिति के अध्यक्ष संदीप जायसवाल, पदाधिकारी कमलेश अग्रहरि और घनश्याम जायसवाल प्रशासन को गुमराह कर रहे है और बिना किसी अधिकार के निर्माण को रुकवा रहे है। आशा देवी ने दावा किया कि समिति के पदाधिकारियों ने अदालत में चल रहे जितेन्द्र बनाम यूपी स्टेट के जिस मुकदमे का हवाला दिया है, उसमें कोर्ट की तरफ से कोई स्टे ऑर्डर नहीं है। आशा देवी ने डीएम से गुहार लगाई कि उसके निर्माण कार्य को पूरा कराया जाय।