सुल्तानपुर
सुल्तानपुर जिले के दुबेपुर विकासखंड अंतर्गत ग्राम पंचायत दुल्लापुर की बदहाली आज भी सरकार के विकास दावों की पोल खोल रही है। खासकर गरीब मुस्लिम पसमांदा समाज के लोग आज भी मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं।जहां एक तरफ सरकार पूरे प्रदेश में सड़क, शिक्षा और स्वास्थ्य के विकास का डंका बजा रही है, वहीं दुल्लापुर गांव की सच्चाई ये है कि बरसात के मौसम में यहां की सड़कें 2 फीट तक पानी में डूब जाती हैं। इसी जलमग्न रास्ते से छोटे-छोटे बच्चे स्कूल जाने को मजबूर हैं।गांव की 80 से 90 फीसदी आबादी पसमांदा समाज की है, जो लगातार समाजवादी पार्टी को वोट देती आई है। इस क्षेत्र से दो बार विधायक रह चुके हैं अबरार अहमद (सपा) और वर्तमान विधायक हैं मोहम्मद ताहिर खान (सपा)। इतना ही नहीं, वर्तमान सांसद राम भुवाल निषाद भी समाजवादी पार्टी से ही हैं।इसके बावजूद, पसमांदा समाज की हालत नहीं बदली। ना तो सड़क बनी, ना नाली, ना जलनिकासी की व्यवस्था। सवाल ये उठता है कि क्या यह वोट बैंक की राजनीति का नतीजा है? या फिर पसमांदा समाज की अनदेखी सरकार की जातिगत भेदभाव की नीति है?स्थानीय लोगों में रोष है कि जब हर जगह विकास हो रहा है, तो दुल्लापुर जैसे गांव क्यों उपेक्षित हैं? क्या ये विधायक मोहम्मद ताहिर खान की लापरवाही नहीं है?राजनीतिक विश्लेषक कहते हैं कि यह सिर्फ लापरवाही नहीं, बल्कि साफ संकेत है कि पसमांदा समाज को सिर्फ वोट के तौर पर देखा जा रहा है, न कि विकास के पात्र के रूप में।अब देखना होगा कि क्या समाजवादी पार्टी की सरकार और स्थानीय प्रतिनिधि इस गंभीर समस्या पर ध्यान देंगे, या फिर यह उपेक्षा यूं ही जारी रहेगी
के मास न्यूज सुल्तानपुर