आरक्षण मे वर्गीकरण के विरोध में आबाजका संगठन ने डीएम को ज्ञापन सौपा

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गाजीपुर। अनुसूचित जाति /जनजाति आरक्षण मे वर्गीकरण के विरोध में अखिल भारतीय अनुसूचित जाति/ जनजाति कर्मचारी कल्याण एसोसिएशन ने जिलाधिकारी के माध्यम से महामहिम राष्ट्रपति महोदया भारत सरकार ने दिल्ली को ज्ञापन सौपा। ज्ञापन देने से पूर्व अंबेडकर उद्यान लंका में बैठक की गई बैठक में संगठन की मजबूती पर बल देते हुए अशोक कुमार प्रबुद्ध प्रदेश अध्यक्ष ने कहा,  कि माननीय सुप्रीम कोर्ट के अनुसूचित जाति/ जनजाति के उप वर्गीकरण निर्णय संविधान के अनुच्छेद 341 एवं 342 के विरुद्ध है। जिससे सामाजिक विषमता आएगी और समाज में विघटन की स्थिति पैदा होगी। राम हर्ष बौद्ध प्रांतीय संरक्षक ने कहा, कि प्रतिनिधित्व आरक्षण कार्ड गरीबी उन्मूलन का कार्यक्रम नहीं है, बल्कि अनुसूचित जाति एवं जनजाति का आरक्षण हिंदू धर्म में व्याप्त छूवा छूत है, जो कि अभी भी भेदभाव के रूप में दिखाई देता है। वीरेंद्र कुमार बौद्ध राष्ट्रीय सचिव ने कहा, कि केंद्र और राज्यों के प्रत्येक सरकारी संस्थाओं के प्रत्येक स्तर पर अनुसूचित जाति/जनजाति के कोटे के अनुरूप प्रतिनिधित्व दिलाने की व्यवस्था की जाए। धनंजय कुमार जिला अध्यक्ष ने कहा, कि यदि माननीय सुप्रीम कोर्ट इस निर्णय पर पुनर्विचार नहीं करती है, तो इसे सामाजिक हित में संविधान संशोधन विधेयक लाकर इस आदेश को निरस्त करें, और प्रतिनिधित्व आरक्षण की मौजूदा व्यवस्था को संविधान की 9 अनुसूची में डाला जाए। इस मौके पर विवेक कुमार रंजन, जयप्रकाश बौद्ध, चंद्रिका प्रसाद, नंदू बौद्ध, अमरनाथ बौद्ध, संतोष कुमार, मंजू, रामनिवास, जितेंद्र, ओमप्रकाश, अरविंद कुमार, संजय कुमार, सुभाषचंद्र प्रसाद आदि के साथ काफी संख्या मे लोग मौजूद रहे।

जय प्रकाश चंद्रा, ब्यूरो चीफ गाजीपुर

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