गाजीपुर। गोवंश की सुरक्षा सरकार की प्रमुख प्राथमिकता में से एक है। मगर गौशालाओं का बुरा हाल है। इसमे पल रहे पशुओं को खाने के लिए न हरा चारा है, और न हीं भूसा के साथ मिलाकर खाने के लिए चोकर भुसी है। पशुओं का ठीक से इलाज भी नहीं किया जा रहा है। हालात यह है कि, गोशालाओं में असुविधा की वजह से गोवंश की आए दिन मृत्यु होती रहती है। पशुओं की इस दुर्दशा पर न अधिकारीयों का ध्यान जा रहा और न गोशाला संचालक का, सदर विकास खंड अन्तर्गत चमड़ा गोदाम छावनी लाइन गौशाला में कई पशु मरी हुई हालत में पाए गए। बेसहारा और बेजुबान पशुओं को खाने व इलाज की उचित व्यवस्था न होने के कारण पशुओं की हो रही है मौत। सूत्रों के द्वारा प्राप्त जानकारी के अनुसार 28 अप्रैल 2024 रविवार को गौशाला में दो पशु मृत अवस्था में दिखाई दिए और दो पशु मणड़ाशन अवस्था में बीमार दिखे। पशु विभाग का भी इस ओर ध्यान नहीं है। गौशाला में मौजूद गोवंश को किस स्थिति में रखा जा रहा है, उनके चारा-पानी की क्या व्यवस्था है। इसकी मॉनिटरिंग करने वाला कोई नहीं है। यही कारण है कि, गौशाला संचालक अपनी मनमानी कर रहे हैं और गोवंश की मृत्यु हो रही है। जब इस संबंध मे सीवीओ से संपर्क साधा गया तो, उन्होंने बताया कि, मेरे संज्ञान में आया है कि दो पशुओं की मौत हो गई है। परंतु मौत की वजह पूछा गया तो, उन्होंने कोई क्लीयर जानकारी नहीं दी, उन्होंने बताया कि दो अस्वस्थ गोवंशों का उपचार कर उन्हें औषधि दी गई है। आपको बताते चलें कि, गोवंश की सुरक्षा एवं देखरेख के लिए सरकारी धन का उपयोग किया जा रहा है, परंतु गौशाला होने के बावजूद भी आपको छुट्टा आवारा गोवंश तपती हुई धूप में घूमते हुए देखने को मिल जाएंगे और इसका आलम यह है कि, आए दिन कहीं ना कहीं गोवंश मरे हुए मिल रहे हैं। कोई उनको वहां से हटाने वाला या उनको कहीं दफनाने वाला नहीं नजर आ रहा है। आखिर इसका जिम्मेदार कौन है?
जय प्रकाश चन्द्रा, ब्यूरो चीफ, गाजीपुर