आजमगढ़, 26 नवंबर 2023: आजमगढ़ की जीवन रेखा कही जाने वाली तमसा नदी के अस्तित्व पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। नदी में जलकुंभी और शैवाल का फैलाव तेजी से बढ़ रहा है, जिससे नदी की धारा रुक गई है और इसका अस्तित्व खतरे में पड़ गया है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि तमसा नदी में जलकुंभी और शैवाल का प्रसार पिछले कुछ वर्षों से लगातार बढ़ रहा है। नदी में पानी की कमी और प्रदूषण के कारण जलकुंभी और शैवाल का तेजी से प्रसार हो रहा है। इससे नदी का पानी दूषित हो रहा है और मछलियों और अन्य जलीय जीवों को नुकसान पहुंच रहा है।
नदी की धारा रुकने से किसानों को सिंचाई में भी परेशानी हो रही है। नदी के किनारे बसे गांवों के लोग भी पानी की कमी से जूझ रहे हैं।
स्थानीय लोग सरकार से तमसा नदी को बचाने के लिए तत्काल कदम उठाने की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि नदी को साफ करने और जलकुंभी और शैवाल के प्रसार को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए जाने चाहिए।
तमसा नदी के अस्तित्व को बचाने के लिए तारणहार का इंतजार है।
Reporting by S.K Sharma Azamgarh