तहसील के अंतर्गत आने वाले शेरपुर तिराहा से लेकर भदुली पुल तक ऐसी सड़क है जिसकी हालत जान से खिलवाड़ करने के बराबर है। पिछले कई सालों से यह जर्जर अवस्था में है। इस सड़क पर असंख्य गड्डढे बने हुए हैं, जिससे यह पता लगाना मुश्किल है कि सड़क मे गड्डढा है या गड्डढे में सड़क। इस सड़क पर बड़े वाहनों और कार में गुजरने वाले सवारों को बैलगाड़ी की तरह हिचकोले खाने पड़ते हैं।गड्डढों से राहगीरों के पाँव छिल जा रहे हैं तथा कई साईकिल और बाईक सवार गिरकर चोटिल हो चुके हैं। इस सड़क की हालत ये है कि अगर किसी महिला या पुरुष को आपातकालीन स्थिति में जिला अस्पताल में ईलाज़ के लिए पहुँचना है तो वह रास्ते में ही दम तोड़ देगा।
गड्डढामुक्त सड़क किये जाने को लेकर किए जा रहे तमाम दावे के बाद भी सड़क की दशा नहीं सुधर रही है। बदहाल सड़कों पर जनता बेहाल हो रही है तो जिम्मेदार अनजान बने हुए हैं। इन गड्डढों में गर्मियों के दिनों में धूल और बरसात के दिनों में कीचड़ व पानी भर जाता है। अनजान वाहनों को गड्डढे की गहराई का पता नहीं होता, ऐसे में वह असंतुलित होकर गिर जाता है। इस सड़क से होकर कई स्कूलों की बस,ऑटो और विंगर गुजरती है। गड्डढे में हिचकोले खाने के बाद वाहनों में बैठने वाले बच्चे बस के अंदर अपनी सीटों से नीचे गिर जाते हैं। बावज़ूद इसके इस सड़क के निर्माण की ओर अभी तक किसी अधिकारी के द्वारा ध्यान नहीं दिया जा रहा। जनता त्रस्त है अधिकारी मस्त है।
*पत्रकार संजय कुमार निजामाबाद तहसील की रिपोर्ट*
सड़क बनी बैलगाड़ी
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