यूपी :उत्तर प्रदेश के बरेली जिले की आंवला तहसील के राजपुर कलां गांव में श्रीमद्भागवत पाठ के समापन पर हुए सार्वजनिक भंडारे में प्रसाद खाने पहुंचे दलितों को आयोजकों कथित रूप से भगा दिया. रविवार की देर रात पुलिस ने इस मामले में तीन लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है. बरेली के देहात पुलिस अधीक्षक राजकुमार अग्रवाल ने बताया कि इस मामले में रविवार देर रात मामला दर्ज किया कर लिया गया है और इसकी विवेचना पुलिस क्षेत्राधिकारी दीप शिखा को दी गयी है.पुलिस ने बताया कि मामला 26 जनवरी का बताया जा रहा है. इस दिन गांव में काली मंदिर परिसर पर श्रीमद्भागवत पाठ के अंतिम दिन भंडारा हुआ था और इसमें सभी जाति वर्ग के ग्रामीणों ने चंदा देकर सहयोग किया था. उन्होंने बताया कि इसलिए अनुसूचित जाति के लोग भी भंडारे में पहुंचे, लेकिन उन्हें अलग बैठने को कहा गया, जिसे लेकर विवाद पैदा हो गया. उन्होंने बताया कि आरोप है कि उन्हें वहां से भगा दिया गया.
जानकारी मिलने पर रविवार को भीम आर्मी के बरेली मंडल के पूर्व संभाग प्रभारी अजय प्रधान पदाधिकारियों संग गांव पहुंचे. पदाधिकारियों ने पुलिस को चेतावनी दी कि अगर कार्रवाई नहीं हुई तो आंदोलन होगा, इस पर पुलिस ने रविवार देर रात तीन सगे भाई सुंदरलाल, रोशन मौर्य तथा नन्हे मौर्य के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर ली. अग्रवाल ने बताया कि स्थानीय पुलिस के अनुसार पहले दिन तहरीर मिलने पर दूसरे पक्ष को बुलाकर जांच कराई गई थी, तब आरोपी पक्ष ने बताया था कि उन्होंने इन लोगों को सम्मान के साथ अलग बैठाया था, भगाया नहीं था. पुलिस मामले की जांच कर रही है.
भंडारे में खाना खाने से दलितों को भगाया गया,कब समझेंगे दलित?
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