हमले के पूर्व सूचना होने के बाद भी पत्रकार को नहीं मिली सुरक्षा , हौसला बुलन्द बदमाशों ने की ताबड़तोड़ फायरिंग 

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जौनपुर – जौनपुर के पत्रकार आशुतोष श्रीवास्तव की हत्या के बाद जिले भर के पत्रकारों में रोष व्याप्त है।प्राप्त जानकारी अनुसार आपको बता दें कि शाहगंज कोतवाली क्षेत्र के सबरहद निवासी आशुतोष श्रीवास्तव (48) न्यूज पोर्टल चलाते थे और वह खबरों को लेकर लगातार बेबाकी से सक्रिय रहते थे आशुतोष श्रीवास्तव  गो तस्करों और भूमाफियाओं के खिलाफ खबरें लिखते थे जिसके चलते कई कई गो तस्कर और माफिया आज जेल में है ।आज सुबह लगभग साढ़े नौ बजे आशुतोष श्रीवास्तव किसी काम से थाना क्षेत्र के ही इमरानगंज बाजार बुलेट पर सवार होकर जा रहे थे कि चौराहे पर ही बाइक सवार युवकों ने आशुतोष के सीने में ताबड़ तोड़ फायरिंग कर कई गोलियां मारीं। सूचना मिलने पर परिजनों ने आनन फानन में समुदाय चिकित्सालय ले गए जहा डा० ने मृत घोषित कर दिया। आशुतोष अपनी खबरों को लेकर लगातार गोतस्करों और भूमाफियाओं की आंख में खटक रहे थे। लगातार उन्हें इसके फीडबैक भी मिल रहे थे। परिजनों के मुताबिक शाहगंज के कोतवाल और क्षेत्राधिकारी ने आशुतोष पर चुनाव के दौरान हमला होने की जानकारी दी थी । आशुतोष ने एक माह पहले ही सीओ शाहगंज और थाना प्रभारी शाहगंज से जान व माल की रक्षा के लिए गुहार लगाई थी। लेकिन किसी प्रकार से कोई ध्यान नहीं दिया गया। पत्रकार आशुतोष श्रीवास्तव की हत्या के बाद जिले भर के पत्रकार आक्रोशीत है। शाहगंज पुरुष अस्पताल पहुंचने पर शाहगंज के पत्रकारों व पुलिस टीम के बीच कहासुनी हुई। ज़िला मुख्यालय पर भी पत्रकारों ने घटना की निंदा करते हुए विरोध दर्ज कराया। सोचने का विषय यह भी है की संविधान का चौथा स्तंभ कहे जाने वाले पत्रकार की सुरक्षा ना दे पाना भी बदमाशो के हौसले को बुलंद करता है क्या यह कहना गलत है या सही ? क्योंकि यदि एक ज़िम्मेदार पद पर बैठे अधिकारी को जानकारी यदि पहले से थी तो फिर पत्रकार को सुरक्षा न मिल पाना भी सोचने का विषय है ।

 पत्रकार की दिनदहाड़े हत्या को लेकर शाहगंज कोतवाल के निलंबन और सीओ को हटाने की उठी मांग

पत्रकार आशुतोष श्रीवास्तव की हत्या के बाद जौनपुर के कलेक्ट्रेट स्थित पत्रकार भवन में आज दोपहर 12 बजे पत्रकारों की एक आपात बैठक बुलाई गई। जिसमे उपस्थित पत्रकारों ने एक सुर में घटना की निंदा की। वारदात के पीछे पुलिस की नाकामी बताई गई। पत्रकारों का कहना है कि पत्रकार आशुतोष श्रीवास्तव पर हमले की सूचना पुलिस को पहले से ही थी। इसके बावजूद आशुतोष श्रीवास्तव को सुरक्षा नहीं दी गई।उन्हें भगवान भरोसे छोड़ दिया गया। पुलिस की इसी उदासीनता से बदमाशों के हौसले बुलंद हो गए। आखिरकार उन्होंने इमरानगंज चौराहे पर घेरकर उन्हें मौत के घाट उतार दिया। पत्रकारों ने शाहगंज के कोतवाल तारकेश्वर राय के निलंबन और क्षेत्राधिकारी शाहगंज को तत्काल हटाने की मांग की है । हमले की पूर्व सूचना होने के बाद भी पत्रकार की हत्या हो जाने पर लापरवाही बरतने के आरोप में दोषी कोतवाल तारकेश्वर राय को निलंबित करने और क्षेत्राधिकारी के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की मांग की गई। इस दौरान उपस्थित पत्रकारों ने मृतक पत्रकार राजपूत श्रीवास्तव की आत्मा की शांति के लिए दो मिनट का मौन धारण कर ईश्वर से प्रार्थना की ।

इस दौरान राजेश श्रीवास्तव, राजकुमार सिंह, शशिराज सिन्हा, शंभु सिंह, अजीत सिंह, राकेशकान्त पांडेय, जावेद अहमद, रामजी जायसवाल, जुबेर अहमद, अरशद अब्बास, देवेंद्र खरे, दीपक उपाध्याय, प्रमोद गुप्ता, आदित्य भारद्वाज, अखिलेश श्रीवास्तव, अजीत चक्रवर्ती, संतोष राय, संजय चौरसिया, नीतीश कुमार राहुल, अजीत गिरी, अहमद हसन, शशि मौर्या, भोले विश्वकर्मा, संजय सिंह, संजय अस्थाना, कृपा शंकर यादव, आदि उपस्थित रहे।

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