सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर डॉक्टर और फार्मासिस्ट नदारद, मरीजों को नहीं मिली दवा

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जौनपुर: डॉक्टर को धरती पर भगवान का दूसरा रूप माना जाता है, लेकिन कुछ डॉक्टर अपनी जिम्मेदारियों से नदारद रहते हैं, जिससे मरीजों को समय पर इलाज और दवा नहीं मिल पाती।

ऐसा ही एक मामला जौनपुर जिले के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मेहरावा में सामने आया, जहां इलाज के लिए पहुंचे एक पत्रकार को अपनी 5 साल की बच्ची के लिए दवा तक नहीं मिल पाई।

अस्पताल पर नहीं मिले डॉक्टर और फार्मासिस्ट

आज सुबह करीब 11 बजे, जब पत्रकार अपनी बच्ची को इलाज के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मेहरावा लेकर पहुंचे, तो उन्हें पर्चा बनाने से मना कर दिया गया।
स्टाफ कर्मी ने बताया कि डॉक्टर( विवेकानंद कुशवाहा) अभी तक आए ही नहीं हैं और फार्मासिस्ट भी नदारद हैं। डॉक्टर केवल सोमवार, बुधवार और शनिवार को बैठते हैं, लेकिन आज छुट्टी पर हैं और फार्मासिस्ट (राम शबद यादव) की भी कोई सूचना नहीं थी, जिससे मरीजों को दवा तक नहीं मिल पाई।

“सूचना बोर्ड न होने से भी मरीजो को होती हैं परेशानी”

स्वास्थ्य केंद्र पर डॉक्टरों की ड्यूटी का शेड्यूल कहीं प्रदर्शित नहीं किया गया, जिससे मरीजों को अनावश्यक परेशानी होती है। अगर सूचना बोर्ड या पर्चा लगा होता, तो मरीजों को पहले से जानकारी होती और वे बेवजह परेशान न होते।

सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं पर सवाल

सरकार मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं देने के लिए लगातार प्रयास कर रही है, लेकिन धरातल पर हालात कुछ और ही नजर आते हैं।
गांवों और छोटे कस्बों में रहने वाले लोग जिला अस्पताल तक नहीं पहुंच पाते, और जब सामुदायिक व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर भी डॉक्टर न मिलें, तो मरीजों को मजबूरी में महंगे निजी अस्पतालों का रुख करना पड़ता है।

सरकार को इस लापरवाही पर ध्यान देना होगा, ताकि जरूरतमंद मरीजों को समय पर इलाज और दवा मिल सके।

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