जौनपुर – जिले में मड़ियाहूं तहसील एवं बरसठी थाना क्षेत्र के गोठाव गांव निवासी डॉक्टर अमरनाथ दुबे का शनिवार की रात लखनऊ मेडिकल कॉलेज में निधन हो गया। वे लगभग 90 वर्ष के थे।
डॉक्टर दुबे के पारिवारिक सूत्रों के अनुसार डॉक्टर दुबे 1960 में एमबीबीएस की पढ़ाई के जी एम सी लखनऊ पूर्ण करके पहली नौकरी सितम्बर 1960 में जौनपुर जिला चिकत्सालय से प्रारंभ किया, बाद में भदोही ट्रांसफर होने पर तीन साल नौकरी के बाद भदोही में ही प्रेक्टिस करना शुरू किया और वहीं पर बराबर प्रैक्टिस करते रहे। विद्यार्थी जीवन से ही उनका लगाव सनातन संस्कृत की तरफ रहा जिससे वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और तत्कालीन भारतीय जनसंघ से जुड़े रहे। डॉक्टर दुबे को जनसंघ का वाराणसी मंडल का उपाध्यक्ष बनाया गया था, इस दौरान उन्होंने वाराणसी, चंदौली व मिर्जापुर में काम किया। 1975 में आपातकाल लगने के दौरान राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का सदस्य होने के कारण उनकी गिरफ्तारी हेतु पुलिस उनके आवास पर जाने लगी तो डॉक्टर दुबे भदोही से बिहार प्रांत चले गए और मगध मेडिकल कॉलेज में एनाटॉमी के लेक्चरर के रूप में काम करना शुरू किया और आपातकाल समाप्त होने के बाद वे में पुनः भदोही आकर प्रैक्टिस शुरू किया और बराबर करते रहे। जौनपुर के वरिष्ठ चिकित्सक डॉक्टर शिव सूरत द्विवेदी एमबीबीएस में उनके सहपाठी रहे हैं, जो अभी भी जौनपुर में ही प्रैक्टिस कर रहे हैं। डॉक्टर दुबे इधर लगभग एक साल से वे हार्ट और ब्लड प्रेशर की बीमारी से पीड़ित रहेl एक सप्ताह पूर्व बीमार होने पर डॉक्टर दुबे को लखनऊ मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया तो वहां पर जैसे ही डॉक्टरों को पता चला कि ये यही से एमबीबीएस किए हुए हैं, यहां के पूर्व छात्र रहे हैं, तो उन्हें वीआईपी ट्रीटमेंट मिलने लगा और इलाज के दौरान ही गुरुवार शनिवार की रात में 12:30 बजे जिस मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस किए थे, उसी मेडिकल कॉलेज में उनका निधन हो गया। उनके परिवार के लोग लखनऊ से उन्हें गांव ले आए, जहां से उन्हें भदोही ले गए और वहां पर लोगों ने श्रद्धा सुमन अर्पित किया, उसके पश्चात वाराणसी के मणिकर्णिका घाट पर ले जाकर उनका अंतिम संस्कार पूरे नागरिक सम्मान के साथ किया जायेगा।