किसानों का मन घबरा रहा हरे धान के पौधों को सूखते देखकर सोच रहे हैं क्या इस बार मिल सकता है अन्न का दाना

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जनपद मऊ के रतनपुरा ब्लाक के साथ ही साथ जनपद भर के समस्त अन्य ब्लाको तथा अन्य गांवों मे कई और किसान भाइयों ने कहा जनपद भर बहुत सारे जगहो पर जहां पर फसलों के लिए प्रचुर मात्रा में जल संसाधन कि ब्यवस्था नही है लोग बारिष, नदी, नहरों के सहारे खेतो मे फसलो को लगाऐ है पर इस वक्त ना हि बारिष, ना हि नदी नालो नहरो में है पानी अब किसानों का मन बहुत ही घबारा रहा है कि अब ऐसा ही मौसम रहा तो लगता है कि अन्न का दाना नही मिल पाऐगा खेत में लगे नौजात धानो के पौधे अब पानी के आस में मुरझा -मुरझा कर सूखे कराईन हो चले हैं और तो और काले बादल छा ,छा कर हवाओ के झोंके में उड़ जाते है और इतना तेज धूपकाले के साथ ही साथ उमस हो रहा है इसी बीच में बिजली कटौती भी काफी हों रही है अब बेतहासा किसान करे तो क्या करे लगता तो ऐसा ही है जो खिलवाड़ मनुष्य प्रकृति से करता आ रहा है अब वही खिलवाड़ हमारे और आप के साथ प्रकृति के तरफ से हो रहा है कम से कम प्राकृतिक संसाधनों के घटको से हमे छेड़छाड़ नहीं करना चाहिए ऐसा अब किसानों की समझ में आ रहा है यदि हमे अपने आप को बचाना है तो जल,भूमि,बृक्षो तथा वातावरण को बचाना होगा तभी हम सब का अस्तित्व बच पाऐगा,,, ,राजू, भोला यादव ,हरिराम, कल्पू, राम सनेही अशोक, प्रवीण सिताराम, मंटू, मोहन, अरविंद, प्रदीप कुमार, ,, केमास न्यूज ब्यूरो चीफ मऊ धर्मेन्द्र कुमार

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