जनपद म ऊ मे 14अप्रैल को संविधान निर्माता बाबा साहब डॉक्टर बी आर अंबेडकर जी बहुजन समाज के नायक नारी शक्ति, भारत भाग्य विधाता नारी शक्ति की मुक्ति, मानव सेवा हेतु अभिनंद ,नंगे शरीर को ढकने के लिए क्रांतिकारी महापुरुष परम पूज्य बोधिसत्त्व बाबा साहब डॉक्टर बी आर अंबेडकर जी की जयंती पर प्रण ले की समाज में अच्छे विचार को व्यक्त करे हमारा देश सन 1857 में ही आजाद हो गया होता उस समय बहुत संघर्ष हुआ मगर उस संघर्ष का कोई लक्ष्य नहीं था इसलिए बहुत शहादत के बाद भी देश आजाद नहीं हुआ जबकि अंग्रेज सरकार जड़ से हिल चुकी थी उसके बाद धीरे-धीरे मामला शांत हुआ। लेकिन संघर्ष जारी रहा बहुत से क्रांतिकारीयो के शहादत होने के बाद फिर पुरे 90 वर्ष के बाद एक बार फिर वही स्थिति आ गई। इस बार अंग्रेज देश आजाद करने के लिए राजी हो गए। मगर उनकी एक बहुत बड़ी शर्त थी कि वो भारतीय संविधान की मांग कर दिए क्योंकि संविधान बनाना और लिखना बहुत मुश्किल और उलझा हुआ काम था। अंग्रेजों को लगता था कि यहां इस देश में ऐसा कोई नहीं है जो संविधान लिख पाएगा। क्योंकि उसी के आधार पर पुरा देश चलने वाला था उस समय पूरा देशभर में शिक्षित व्यक्ति की तलाश हुई मगर कोई भी इतना पढ़ा लिखा नहीं था कि संविधान लिख सके अन्त में सबकी नजर बाबा साहब डॉ भीमराव आंबेडकर साहब पर गयी क्योंकि उस समय बाबा साहब के पास 32 डिग्री थी। तीन विषय में पीएचडी थे और 64 विषय और 9 भाषाओं के जानकार थे फिर बाबा साहब मात्र 24 घंटे के अंदर भारतीय संविधान के प्रारूप को लिखकर अंग्रेजों के सामने पेश कर दिए और कुल 2 वर्ष 11 माह और 18 दिन में भारतीय संविधान को लिखकर अंग्रेजों के सामने पेश कर दिए। जिसमें कुल 244 बार बहस हुआ था अंत में अंग्रेज भारतीय संविधान को देखकर हैरान हो गए और 26 जनवरी सन 1950 को देश को पूर्ण रूप से आजाद कर दिए। बाबा साहब अपनी जिंदगी में बहुत पढ़ाई किये। बाबा साहब अमेरिका के कोलम्बिया यूनिवर्सिटी में पढ़ाई किये, इंग्लैंड में पढ़ाई किये, जर्मनी में और लंदन में पढ़ाई किये। सन 2011 में कोलंबिया यूनिवर्सिटी के 300 वर्षों के रिसर्च में ये बात पाया गया कि बाबा साहब जब से उस यूनिवर्सिटी से पढ़कर निकले हैं तब से आज तक कोई दूसरा छात्र उनके जैसा उस यूनिवर्सिटी में पढ़ने नहीं आया। इस लिए सन 2012 में अमेरिका के कोलम्बिया यूनिवर्सिटी के मुख्य गेट पर ” बाबा साहब ” का स्टैच्यू लगा और पुरे विश्व में सिर्फ बाबा साहब को ही ” Simble of Knowledge ” की उपाधि मिली लोगों ने बड़े धूमधाम से मनाई अम्वेडकर साहब की जयंती और गुणगान किऐ मजलूम के हक को खुले विचारों से समझ लिया, जिसमे ग्रामवासी जन चढ़ बढ़ कर हिस्सा लेते रहे दिनेश शिवकुमार, दामोदर, हरिलाल, नंदलाल संतोष, अजय ,वागीनन्दलाल, चंद्रशेखर, शुर्यनाथ, सुभाष, अंशु रमेश, तहसीलदार,तिर्वेणी,डां सुजीत, नीरा चंद्रा, निशु, शनि अनिल, अशोक,, चम्पा, तेतरी, ममता, रीता, दासी इत्यादि लोग उपस्थित रहे,, के मास न्यूज ब्यूरो म ऊ धर्मेन्द्र कुमार की रिपोर्ट
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