शिक्षा के मंदिर में शिक्षिका द्वारा शिक्षा देने के बजाय छात्रा से लगवाया झाड़ू

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शाहगंज / जौनपुर

जिले के कोतवाली व थाना शाहगंज क्षेत्र के ग्राम निजामपुर में कम अपोजिट विद्यालय में शिक्षकों ने बच्चों को शिक्षा देने के बजाय झाड़ू लगवाते नजर आए
सरकार के द्वारा चलाई जा रही सर्व शिक्षा अभियान बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ जैसे अनु को नारे विद्यालयों द्वारा लगाए व विद्यालय के बाहर लिखें वह आपको देखने को मिल जाएंगे लेकिन क्या वास्तव में ही प्राथमिक विद्यालयों के बच्चों को सही तरीके से शिक्षा मिल पा रही है यह एक चिंता का विषय है क्योंकि जहां शिक्षकों को पढ़ाने के लिए नियुक्त किया गया है और साथ ही प्रत्येक विद्यालय पर दो सफाई कर्मियों की नियुक्ति भी की गई लेकिन वह सफाई कर्मी धरातल पर अपनी ड्यूटी को लेकर कितना मुस्तैद है वह कहीं ना कहीं आपको देखने को मिल ही जाता होगा गांव में नालियों की सफाई तथा प्राथमिक विद्यालय की साफ-सफाई को देखते हुए आप कहीं न कहीं सफाई कर्मी को लेकर कभी ना कभी चर्चा कर ही देते हैं ऐसा ही एक मामला विकासखंड शाहगंज के निजामपुर के कमपोजिट विद्यालय में देखने को मिला आपको बता दे की शिक्षकों ने बच्चों को शिक्षा देने के बजाय हाथ में पकड़या सफाई कर्मी के समय पर ना आने पर शिक्षिका द्वारा विद्यालय की छात्रा से विद्यालय परिसर में झाड़ू लगाया जा रही थी । जब के मास न्यूज़ की टीम निजामपुर प्राइमरी स्कूल में पहुंची तो लगभग 9:45 बज रहे थे लेकिन बच्चों को रोड पर और स्कूल परिसर में प्रार्थना के बाद घूमते पाया गया और एक छोटी सी मासूम छात्रा द्वारा स्कूल परिसर में झाड़ू लगाते मिली छात्रा से पूछे जाने पर उनसे बताया कि मैडम के कहने पर वह झाड़ू लगा रही थी । जब टीचरों से आईएस विषय पर बातचीत किया गया तो उल्टा चोर कोतवाल को डांटे जैसी कहानी दोहरे नजर आए टीचरो ने पत्रकारों से सावल कर धमकी देने लगे कि आप कौन होते हैं , आपको कौन इजाजत दिया स्कूल में आने के लिए, कैसे आए , जैसे अनेकों सवाल टीचरों ने करना शुरू कर दिया तो वहीं प्रधानाचार्य से पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि सफाई कर्मी किसी कार्यक्रम को लेकर को लेकर गए हुए थे और वह कार्यक्रम विगत दिन पूर्व समाप्त भी हो चुका है भी हो चुका है लेकिन पुनः अभी तक समय पर नहीं आए पत्रकार द्वारा विद्यालय परिसर में छात्रा द्वारा झाड़ू लगाने को लेकर पूछे जाने पर जवाब देने से कतराते व कार्ड चेक करने की बात करते सावल को टालते नजर आए ।
शायद यही कारण है कि सरकार के द्वारा प्राथमिक विद्यालय पर अनेकों योजनाएं के द्वारा छात्र को निलावंती करने की बात की जाती लेकिन फिर भी शायद इन्हीं दोषों के कारण छात्र प्राइमरी से नर्सरी की तरफ जाने का रुख कर रहे हैं और परिवार के लोग भी इन चीजों को कांता से देखते हुए प्राथमिक विद्यालय में बच्चों को भेजने से कतराते हैं
यह काफी चिंता का विषय है कि प्राथमिक विद्यालयों पर हो रहे इस प्रकार के रवैया को सरकार कब कारवाही करेगी।

पत्रकार राकेश कुमार की रिपोर्ट

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