प्रदेश सरकार व विभाग की तानाशाही से त्रस्त हैं अनुदेशक शिक्षक

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आज़मगढ़-रानी की सराय।प्रदेश सरकार द्वारा संचालित होने वाले परिषदीय उच्च प्राथमिक एवं कंपोजिट विद्यालयों में सरकार द्वारा गर्मी की छुट्टियों में समर कैंप की तैयारी चल रही है लेकिन इस कैंप की जिम्मेदारी सिर्फ अनुदेशक व शिक्षामित्र शिक्षकों को दिया जाना निश्चित किया गया है। जबकि सहायक अध्यापक को प्रधानाध्यापक छुट्टी पर रहेंगे रानी की सारी अनुदेशक शिक्षक संघ ब्लॉक अध्यक्ष अमरजीत यादव ने कहा कि सरकार की यह दोहरी नीति बहुत ही गलत व अन्यायपूर्ण है। जिन लोगों को सरकार लाख रुपए महीने वेतन दे रही है उनको छुट्टी मिल रही है और अनुदेशक व शिक्षामित्र शिक्षकों को बधुवा मजदूर की तरह 6000 रूपए का लालच देकर काम करवाना चाहती है मिथिलेश यादव ने कहा कि अनुदेशक व शिक्षामित्र शिक्षक आज तक विभाग के सभी आदेशों का पालन करते चले आये हैं लेकिन सरकार द्वारा अनुदेशक व शिक्षामित्र के साथ लगातार अन्याय किया गया है निशा चौहान ने कहा कि महिला शिक्षिकाओं के साथ बहुत समस्याएं होती हैं अगर सरकार हमारी मांगे नहीं पूरा करती है तो हम इस तुगलकी फरमान का विरोध करेंगे अमरजीत यादव ने कहा कि प्रदेश सरकार लगातार आठ दस सालों से सबका शोषण करती चली आ रही है कर्मचारी हित में जो माननीय उच्च न्यायालय के आदेश है सरकार उसकी भी अवहेलना करती चली आई है पूरे समर कैंप में बच्चों के आने जाने व मेडिकल की सुविधा के साथ पौष्टिक आहार का अलग से प्रवंध करते हुए अगर सरकार द्वारा समर कैंप का प्रशिक्षकों को 2500 से 3000 रूपए प्रतिदिन के हिसाब से वहन किया जाए समस्त अनुदेशक व शिक्षामित्र को 12 महीने का मानदेय भुगतान किया जाए अनुदेशक व शिक्षामित्र को अन्य कर्मियों की तरह मेडिकल सुविधाएं उपलब्ध हो तथा महिला शिक्षिकाओं को मेडिकल अवकाश के साथ C C L अबकाश घोषित किया जाए तब सभी आदेशों का पालन विना किसी अवरोध के किया जाएगा अगर आदेश संबोधित नहीं होता है तो इस स्थिति में अगर सहायक अध्यापक और प्रधानाध्यापक नहीं रहते हैं तो सभी अनुदेशक व शिक्षामित्र शिक्षक इस कार्य का वहिष्कार करेंगे।
संजय कुमार तहसील ब्यूरो निजामाबाद की रिपोर्ट

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