गाजीपुर। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र करंडा के चिकित्सा प्रभारी अवधेश कुमार राव ने अपने स्टाफों के साथ फाइलेरिया से बचाव हेतु अभियान का शुभारंभ किया। सीएचसी प्रभारी ने बताया कि हाथीपांव के नाम से पहचाने जाने वाला फाइलेरिया एक लाइलाज बीमारी है। इस बीमारी से खुद, परिवार और समाज को बचाने के लिए दवा का सेवन बेहद जरूरी है। यह दवा सर्वजन दवा सेवन (एमडीए) अभियान के दौरान 10 अगस्त से 2 सितम्बर तक स्वास्थ्य विभाग की टीम घर-घर जाकर खिलाएगी। इस टीम को अलग अलग ब्लॉक पर प्रशिक्षित किया जा रहा है, और उन्हें यह संदेश देने के लिए प्रेरित किया जा रहा है, कि लोगों को समझाएं कि, अगर लगातार पांच साल तक, साल में एक बार अगर फाइलेरिया से बचाव की दवा का सेवन किया जाए तो इस बीमारी से पूरे समाज को मुक्ति मिल सकती है। उन्होंने बताया कि सहयोगी संस्थाओं के माध्यम से यह तथ्य सामने आया है, कि लोग यह कहकर दवा का सेवन नहीं करते हैं, कि उन्हें जब बीमारी है ही नहीं, तो दवा क्यों खाएं। टीम को सिखाया जा रहा है कि ऐसे लोगों को संदेश दें, कि एक बार दवा खा लेने के बाद वर्ष भर के अवयस्क कृमि मर जाते हैं। जब लगातार पांच साल तक दवा खाई जाती है, तो हर साल इन अवयस्क कृमि का सफाया तो होता ही है, साथ में वयस्क कृमि भी समाप्त हो जाते हैं। इस तरह से दवा का सेवन करने वाला व्यक्ति फाइलेरिया से बच जाता है।
जय प्रकाश चंद्रा, ब्यूरो चीफ गाजीपुर