लोकपाल नियुक्ति में लापरवाही ,यूपी के 10 विश्वविद्यालय यूजीसी द्वारा डिफॉल्टर घोषित

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आजमगढ़/बलिया/कानपुर: यूजीसी ने लोकपाल नियुक्ति में लापरवाही बरतने के कारण देश के 108 विश्वविद्यालयों को डिफॉल्टर घोषित किया है। इस सूची में उत्तर प्रदेश के 10 विश्वविद्यालय भी शामिल हैं, जिनमें जननायक चंद्रशेखर विश्वविद्यालय बलिया, महाराजा सुहेलदेव राज्य विश्वविद्यालय आजमगढ़, चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय कानपुर प्रमुख हैं।

यूजीसी ने 17 जनवरी 2024 को सभी विश्वविद्यालयों को लोकपाल नियुक्त करने का आदेश दिया था। विश्वविद्यालयों को 1 जून 2024 तक लोकपाल से संबंधित जानकारी अपडेट करनी थी। लेकिन, कई विश्वविद्यालयों ने यह निर्देश पूरा नहीं किया।

19 जून को जारी आदेश में यूजीसी ने 108 विश्वविद्यालयों, 47 निजी विश्वविद्यालयों और दो डीम्ड विश्वविद्यालयों को डिफॉल्टर घोषित किया है। इनमें उत्तर प्रदेश के 10 विश्वविद्यालयों के अलावा, बुंदेलखंड विश्वविद्यालय झांसी, सरदार वल्लभ भाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ, अटल बिहारी वाजपेयी मेडिकल विश्वविद्यालय लखनऊ, प्रो. राजेंद्र सिंह विश्वविद्यालय प्रयागराज, पं. दीनदयाल उपाध्याय पशु चिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय एवं गो-अनुसंधान संस्थान मथुरा, किंग चार्ज यूनिवर्सिटी ऑफ डेंटल साइंसेस लखनऊ और उप्र यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिकल साइंसेस सैफई इटावा भी शामिल हैं।

यह कदम यूजीसी द्वारा विश्वविद्यालयों में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है। यूजीसी ने सभी डिफॉल्टर विश्वविद्यालयों को निर्देश दिया है कि वे तुरंत लोकपाल नियुक्त करें और यूजीसी को आवश्यक जानकारी प्रदान करें।
Reporting by S.K Sharma Azamgarh

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