आजमगढ़/मार्टीनगंज: उत्तर प्रदेश में सरकारी नियमों कानूनों की धज्जियां कैसे उड़ाई जाती हैं इसका जीता जगता उदाहरण हम आपको बता रहे हैं।
उत्तर प्रदेश शासन में सरकारी अवैध कब्जे को लेकर जंहा सरकार और सरकार के कर्मचारियों ने कमर कस के इसपर कार्य शुरू किया तो वंही आजमगढ़ जिले के मार्टीनगंज तहसील में नियमों कानूनों को ताख पर रखकर काम किया जा रहा है। आजमगढ़ जिले के मार्टीनगंज तहसील के अंतर्गत पारा ग्रामसभा में सरकारी जमीन पर अवैध रूप से हुवे कब्जे को लेकर कोई प्रतिक्रिया नहीं दिख रही है। पारा ग्रामसभा के रविशंकर पुत्र रंगीला ने कुछ महीने पहले अपने प्रतिद्वंदी करमचंद, अमरचंद पुत्र नंदकिशोर के ऊपर रास्ता रोकने का आरोप लगया चूंकि करमचंद, अमरचंद पुत्र नंदकिशोर अपने घर के पीछे रास्ते में जबरदस्ती पिलर लगा लिया था जिससे लगभग 4 परिवारों का आवागमन रुक रहा था, रविशंकर ने बताया की इस मामले पर मैंने तहसील पर प्रार्थना पत्र दिया जिसके बाद लेखपाल महोदय ने पैमाइश के बाद जमीन पर अवैध कब्जे को दर्शाते हुए जुर्माना लगाया।
रविशंकर के पुत्र ने कहा की मार्टीनगंज sdm महोदय ने मेरे प्रार्थना पत्र पर अवैध कब्जे को लेकर थाना सरायमीर को अवैध कब्जे को हटाने का आदेश भी दिया। रामावतार ने यहाँ तक बताया कि मैं रोज तहसीलदार के यहाँ जाता हूँ लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है, कहा की 2 दिन पूर्व तहसील से कुछ लोग आये और थोड़ा सा रास्ता साफ करा दिये, आरोप लगाया की तहसीलदार कहते हैं की क्या करोगे कुछ काम तो करा दिया हूँ।
इस पूरी जमीन पर रविशंकर ने मुकदमा किया है जो तहसीलदार मार्टीनगंज के यहाँ लंबित है। अब देखना है की तहसीलदार मार्टीनगंज कितना सक्रिय होते हैं और और लंबित मामले पर क्या करते हैं जबकि सरकारी जमीन पर अवैध निर्माण अभी भी हो रहा है।
के.मास न्यूज