शिक्षा के अधिकार अधिनियम (आरटीई) के तहत बच्चों का प्रवेश लेने मे निजी स्कूल के संचालक कर रहे आना कानी 

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गाजीपुर। जनपद मे स्कूलों में शिक्षा के अधिकार अधिनियम (आरटीई) के तहत बच्चों का प्रवेश लेने के आदेश को किया जा रहा दरकिनार। निजी स्कूल के संचालक शासन के नियमों का पालन करने मे आना कानी कर रहे हैं। मामला सदर विकास खण्ड मे स्थित निजी स्कूल डालिम्स सनबीम अंन्धऊ बाईपास रोड, बिराईच, गाजीपुर का है, जहाॅ आरटीई के तहत बच्चों को प्रवेश नहीं देना चाहते हैं। बच्चों के अभिभावक जब आरटीई के तहत एडमिशन के लिए उनके पास पहुंचते हैं, तो कागजों में बार-बार कमियां निकालकर टाल-मटोल कर रहे है। स्कूल अपनी मनमानी कर रहा है, और बच्चों का प्रवेश नही ले रहे है। आपको बता दें कि आरटीई के नियमों के तहत लाटरी में नाम आने के बाद भी उनको प्रवेश के लिए स्कूल संचालक परेशान कर रहे हैं। जन्म प्रमाण पत्र, आधार समेत अन्य जरूरी प्रपत्र लगे होने के बावजूद भी बच्चों को दरकिनार करने की नीयत से कमियां निकालकर प्रवेश से वंचित रख रहे है। जिस ग्राम पंचायत में स्कूल है, उसी ग्राम पंचायत के आइटीई के तहत प्रवेश का पात्र बच्चे के अभिभावक रहते हैं। लेकिन, उनकी मनमानी के चलते बच्चे का प्रवेश लटका हुआ हैं। बीएसए की मानें तो आरटीई में लाटरी तभी निकलती है, जब सभी प्रपत्र सही होते हैं, फिर भी स्कूल संचालक परेशान कर रहे हैं। जब इसकी जानकारी खण्ड शिक्षा अधिकारी सदर से ली गई तो, उन्होंने बताया कि, आरटीई के अनुसार 25% बच्चों का दाखिला निजी पब्लिक स्कूलों को लेना अनिवार्य है। अगर ऐसे में निजी विद्यालय संचालक बिना किसी कारण आरटीई के तहत 31 सितंबर 2024 तक बच्चों को प्रवेश नहीं देते हैं, तो बच्चों के मौलिक अधिकार का हनन होगा। उन्होंने कहा कि निजी स्कूल के संचालक शासन के नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं, तो बेसिक शिक्षा अधिकारी द्वारा नोटिस जारी किया जाएगा।

जय प्रकाश चंद्रा, ब्यूरो चीफ गाजीपुर

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