समीर प्रकृति संग्रहालय”*ताल सलोने को रामसर क्षेत्र घोषित करने के लिए विद्यार्थी लिखेंगे पत्र

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मुबारकपुर/आजमगढ़ पर्यावरण सुरक्षा माह मनाने के लिए समीर प्रकृति संग्रहालय शुरुआत समिति द्वारा आज़मगढ़ में विशेष पहल का आरम्भ हुआ है। जिसके प्रयास स्वरूप जिले के मुबारकपुर कस्बे में स्थित सेंट्रल पब्लिक स्कूल में वेटलैंड ताल सलोने आजमगढ़ को रामसर क्षेत्र घोषित करने के लिए भारत सरकार को पत्र लिखने का निर्णय लिया गया। शुरुआत सचिव/पर्यावरण समिति आज़मगढ़ की सदस्य रीता राय ने कहा कि इस इलाके की विरासत तालाब, वेटलैंड और नदियाँ हैं। इसके संरक्षण के लिए विद्यार्थियों और नागरिकों को आगे आकर अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से अपील करनी होगी। जैव विविधता तभी संरक्षित रहेगा जब जब धरती पर पानी रहेगा, इसलिए जल भंडारण की सुरक्षा के लिए एकजुट होकर कार्य करना होगा।
शोध छात्र विकल्प रंजन ने कहा कि समीर प्रकृति संग्रहालय का उद्देश्य सभ्यताओं को जीवित रखने के लिए प्रकृति का संरक्षण जरूरी है, इस अवधारणा को साकार करना है। संस्कृतिकर्मी राजीव रंजन ने कहा कि हम अपने पूर्वजों की स्मृति में पौधारोपण करें, खाली पड़ी जमीनों पर स्मृति वन बनाये। इस अभियान से न सिर्फ वन क्षेत्र में वृद्धि होगी बल्कि आस पास का वातावरण भी प्रदूषण मुक्त होगा।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए सी पी एस ग्रुप के संस्थापक अयाज़ अहमद खान ने कहा कि बिना देर किये जल संरक्षण के लिए हम सभी को अपनी जिम्मेदारी को बड़ी शिद्दत से निभानी होगी। उन्होंनें युवाओं से अपील किया कि अपने आँखों का पानी मरने न दें क्योंकि जब तक आपके आँखों में पानी आयेगा तब तक भारत बेपानी नहीं होगा और इसके लिए जरूरी है अपने मन के अंदर की मानवता को मरने न दें।
प्राचार्या रेखा सिंह ने कहा कि बिना पानी के जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती है। पानी पर सिर्फ हमारा ही अधिकार नहीं है बल्कि धरती पर रह रहे असंख्य जीव जंतुओं का भी है इसलिए हमें एक बेहतर मनुष्य का व्यवहार करके सबके हक का सम्मान करना होगा।
धन्यवाद करते हुए डॉ आज़ाद अहमद खान (मैनेजर सी पी एस ग्रुप) ने कहा कि बदलते हुए समय के साथ यह आवश्यक है कि हम तकनीक एवं अनुसंधान में ऐसे विषयों को प्रोत्साहित करें जिससे हम पानी के अपने स्त्रोतों का कम से कम दोहन करें। भारतीय कृषि के परिपेक्ष्य में भू-जल के जहरीले होने का खतरा हमारे सर पर मंडरा रहा है। यह आवश्यक है कि आज नई पीढी इन समस्याओं को समझकर इसके समाधान के बारे में सोचे और इसके लिए प्रसिद्ध पर्यावरणविदों के अनुभव से सीखें और अपने जीवन में लागू करने का प्रयास करें। अवसर पर अतिथियों द्वारा पौधारोपण कार्य किया गया।
*संजय कुमार तहसील ब्यूरो निजामाबाद की रिपोर्ट*

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