आजमगढ़ के तहसीलदार सगड़ी श्री विवेकानन्द दूबे पर एक वरासत मामले में गंभीर आरोप लगे हैं। अजीत उपाध्याय नामक व्यक्ति ने जिलाधिकारी को एक प्रार्थना पत्र सौंपकर तहसीलदार पर असंबद्ध व्यक्ति को वरासत का आदेश देने का आरोप लगाया है।
प्रार्थना पत्र में अजीत उपाध्याय ने बताया कि पदमा बनाम जनार्दन मामले में तहसीलदार सगड़ी के न्यायालय में मौजा मटौली इब्राहिमपुर और मौजा बनौरा मैनाथपट्टी में वसीयत के आधार पर उनके पक्ष में आदेश पारित किया गया था। उनका आरोप है कि मृतक जनार्दन के विधिक वारिसानों और वसीयत के वारिसानों को दरकिनार कर तहसीलदार विवेकानन्द ने अपने भतीजों के पक्ष में वरासत का आदेश मान्य कर लिया है।
प्रार्थी का कहना है कि तहसीलदार द्वारा कानूनी वारिसों को दरकिनार कर भतीजों के पक्ष में वरासत के आदेश को मान्य कर वसीयत के आदेश को निरस्त किया गया है। उन्होंने इस मामले में तहसीलदार द्वारा की गई अनियमितता की जांच की मांग की है।
प्रार्थी ने जिलाधिकारी से अपील की है कि तहसीलदार विवेकानन्द दूबे के इस कृत्य की जांच कर तत्काल कार्यवाही की जाए।
यह मामला देवरिया जैसे नरसंहार से बचने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। जिलाधिकारी से उम्मीद की जा रही है कि वे इस मामले में त्वरित कार्रवाई करेंगे।
Reporting by S.K Sharma Azamgarh