दरोगा का एक पत्रकार से झल्लाकर बात करना, कहीं अतरिक्त मौद्रिक व्यवस्था खराब होने का डर तो नहीं

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स्ट्रिंगर- रिपोर्ट आजमगढ़

दीदारगंज/ कभी कभी प्रशासनिक अमले में कुछ ऐसे अधिकारी और कर्मचारी मिलते हैं जिन्हे सिविलियंस से बात करने का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है की वो एक पत्रकार से कैसे बात कर रहे हैं।
किसी प्रकार की जानकारी को पत्रकारों को सही तरीके से देने का गुन भी नहीं होता, और ना ही सूचनाओं खबरों को देने का ढंग। दरअसल आजमगढ़ जिले के दीदारगंज थाने में एक पत्रकार कीसी मामले पर दरोगा करमुल्ला से जानकारी लेना चाह रहे थे। जानकारी देने की बजाय उन्होंने पूछा की फोन से क्यूं बात कर रहे थे। ये लहजा है एक SI का जिसे आगे चलकर संभवतः थाना प्रभारी पद से विभाग सुशोभित करे। मामला दीदारगंज थाने के अन्तर्गत अमरेथु गांव का,जहां दो पक्षों में मामूली मार पीट का था जिसकी जानकारी के लिए पत्रकार ने दरोगा से बातचीत की थी। जानकारी देने के बजाय गुस्सैल प्रविति धारण करते हुवे SI करमुल्ला ने पत्रकार से अव्यवस्थित बात की। चूंकि दरोगा के किसी पूर्वनियोजित समायोजन मेें पत्रकार का दखल उन्हें रास नहीं आया।

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