आजमगढ़/निजामाबाद
शाशन की मंशा है कि थानों और तहसीलों में क्राइम,सिविल और अन्य किसी भी प्रकार के मामले ना आयें और आयें भी तो उनका गुणत्तापूर्ण निवारण प्राथमिक स्तर पर ही हो जाये लेकिन जब मामले को प्रशासन ही तूल दे तो फिर घटनायें अपना पैर जमाये ही रहेंगी | प्रश्न ये है कि आखिर जब एक पत्रकार खबरों को सही दिखाने का प्रयास करता है न्याय का पक्षकार बनता है तो क्यूं उसका अर्थिक,सामाजिक,और मानसिक शोषण का प्रयोजन बनाया जाता है? क्यों पुलिस ने ही कह दिया की पत्रकार के खिलाफ प्रार्थना पत्र दो?
आजमगढ़ जिले के निजामाबाद तहसील के अंतर्गत ग्राम सभा जमीन कटघर में पीड़ित का आरोप है कि पुराने रास्ते को काटकर दबंग व्यक्ति गुलाब पुत्र बन्शू राम ने अपने खेत में मिला लिया। गांव वालों ने मिलकर शिकायत में प्रार्थना पत्र तहसीलदार को दिया गांव वालों की मानें तो नायब तहसीलदार के द्वारा जब मौका देखा गया तो उन्होंने कहा कि रास्ता छोड़ने के बाद गुलाब का खतौनी से जितना खेत का क्षेत्रफल होना चाहिये उससे कहीं ज्यादा है। आपको यह भी अवगत कराना चाहूंगा की रास्ते पर पूर्व के दो प्रधानों ने सरकारी बजट से मिट्टी का कार्य करवाया है।लेकिन उसके बाद भी गुलाब द्वारा रास्ता काट कर अपने खेत में मिलाया जा रहा है। इस मामले पर समाचार संकलन के लिये हिन्दी साप्ताहिक पेपर केमास न्यूज के पत्रकार ने पुलिस से बात करना चाहा तो पत्रकार को थाने में उठाकर लाकर बंद करने की धमकी देने लगे। गुलाब लगातार रास्ते को बंद करने के हर हथकंडे अपना रहा है और प्रशासन उसकी इस हरकत की अनदेखी कर रहा है। ऐसा लग रहा है कि उसको प्रशासन का कोई डर ही नहीं है। आज सुबह 112 नंबर की पुलिस आई और मौके पर जाकर एक तरफा बात की वहीं जब पत्रकार ने इसे कवर करना चाहा और न्याय संगत का पक्षकार बना तो डायल 112 ने पहले आरोपी गुलाब को पत्रकार के खिलाफ प्रार्थना पत्र देने को बोला और पत्रकार संजय कुमार को निजामाबाद थानाध्यक्ष के रौब का हवाला देते हुये थाने में जाने को कहा और कहा तुम्हांरे खिलाफ प्रार्थना पत्र पड़ा है यदि नहीं चलोगे तो हम जबरदस्ती ले चलेंगे|
पत्रकार जब जाने के लिए निकला तो रास्तें में रोककर 112 नंबर की पुलिस ने पत्रकार साथ बदतमीजी की और आरोपी गुलाब को बोला की जाओ इसके खिलाफ़ फिर से प्रार्थना पत्र लिखवाओ। बताते चलें ये खबर हिन्दी साप्ताहिक पेपर के मास न्यूज के सीनियर पत्रकारों के साथ अन्य पत्रकारों को जब मिली तो डायल 112 और थाना निजामाबाद के प्रति गहरी नाराजगी फैल गयी|
पत्रकार की न्याय संगत बातें प्रशासन को हजम नहीं, पुलिस ने पत्रकार के साथ की बत्तमीजी
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